2 News : राजकुमार को शाहरुख ने दी थी यह सलाह, ‘श्रीकांत’ फेम एक्टर लंच में पारले जी और फ्रूटी से करते थे गुजारा...

अभिनेता राजकुमार राव की इस समय बॉलीवुड में बढ़िया डिमांड है। प्रोड्यूसर-डायरेक्टर को उन पर दांव खेलने में कोई गुरेज नहीं है क्योंकि उन्हें पता है कि राजकुमार अपनी एक्टिंग से दर्शकों को सिनेमाघरों में खींचने की क्षमता रखते हैं। राजकुमार फिलहाल अपनी आगामी दो फिल्म ‘श्रीकांत’ और ‘मिस्टर एंड मिसेज माही’ को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। इन्हीं फिल्मों के प्रमोशन के दौरान राजकुमार ने खुद से जुड़ी कई बातों का खुलासा करने के साथ सुपरस्टार शाहरुख खान द्वारा मिली सलाह के बारे में भी बताया।

दरअसल राजकुमार ने हाल ही में पत्नी पत्रलेखा के साथ मिलकर एक घर खरीदा है, जो काफी बड़ा और आलिशान है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसकी कीमत 44 करोड़ रुपए है। राजकुमार ने बताया कि एक बार शाहरुख सर ने मुझसे कहा था कि बेटा घर तो अपने औकात से थोड़ा ज्यादा का लेना। तुम जब हैसियत से ज्यादा का घर खरीद लेते हो तब उसके लिए उतनी मेहनत भी करते हो।

शाहरुख सर की इस सलाह को मैंने याद रखा हुआ है। उन्होंने मुझे जब यह सलाह दी थी तब उन्होंने मुझे समझाया था कि तुम जब मेहनत करते हो तब भगवान भी तुम्हारी मदद करते हैं। मुझे उनकी यह बात काफी पसंद आई थी। मेरा हमेशा से सपना था कि इस शहर में मेरा भी एक घर हो और वह सपना अब जाकर पूरा हुआ है।

राजकुमार के खाते में एक समय बचे थे सिर्फ 18 रुपए

राजकुमार राव ने संघर्ष के दिनों के बारे में खुलकर बात की। राजकुमार ने साल 2010 में दिबाकर बनर्जी की फिल्म 'लव सेक्स और धोखा' से करिअर की शुरुआत की थी। राजकुमार को इंडस्ट्री में शुरुआती दिनों में काफी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा था। यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया के साथ इंटरव्यू में कहा कि सबसे मुश्किल समय में मुझे आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा था और कोई काम नहीं मिलता था।

मेरी मां ने मेरा बहुत साथ दिया और जब मेरे पास पैसे खत्म हो जाते, तो वह उसका इंतजाम करके भेजती थीं। मुझे याद है कि एक बार मेरे खाते में सिर्फ 18 रुपए बचे थे और वो भी मुंबई जैसे शहर में। मैं बहुत किफायती तरीके से खर्च करता था। हम तीनों एक ही फ्लैट में रहते थे और मैं दोपहर का खाना छोड़कर दोपहर के खाने में एक पारले जी और फ्रूटी खाता था।

उस समय मेरा दोपहर का खाना 4 रुपए का होता था। तब मेरे FTII बैचमेट अक्सर मेरी मदद के लिए आगे आए। जब मेरे पास सिर्फ 18 रुपए बचे थे, तो मैं सोच रहा था कि मैं क्या करूंगा? मुंबई में हमारी FTII कमेटी है। हमारे कई सीनियर और जूनियर यहीं रहते हैं, जो मदद किया करते थे।