2 News : राजीव ने बताया एकता का शो ‘कहीं तो होगा’ छोड़ने का कारण, दीपिका की शिफ्ट ड्यूटी की मांग पर ‘रामू’ ने कहा…

राजीव खंडेलवाल (49) एक समय टेलीविजन की दुनिया में छाए हुए थे। राजीव ने दिग्गज फिल्ममेकर एकता कपूर के लोकप्रिय शो 'कहीं तो होगा' से घर-घर में पहचान बनाई थी। अब राजीव ने कई सालों बाद इस शो को अचानक छोड़ने के कारण का खुलासा किया है। राजीव ने स्क्रीन को दिए इंटरव्यू में कहा कि ‘कहीं तो होगा’ में मेरी परफॉर्मेंस के बाद मुझे फैंस से बेहिसाब प्यार और अटेंशन मिला। मेरे घर के बाहर इंतजार करने वाले लोग, दरवाजे के नीचे से आने वाले खत, लगातार बजते फोन और ढेर सारे गिफ्ट—यह सब मेरी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया था।

हालांकि इस अपार प्रशंसा के बीच मुझे लगने लगा कि मैं उस क्वालिटी को अपने काम में नहीं दे पा रहा हूं, जिसकी मैं आकांक्षा रखता था। दर्शकों की उम्मीदों का बोझ और अपनी कला के प्रति मेरे खुद के हाई स्टैंडर्ड्स मुझे अंदर से परेशान कर रहे थे। लगातार दबाव से जूझते हुए ही मैं शो छोड़ने का महत्वपूर्ण फैसला लिया। मेरे किरदार ‘सुजल’ की रोमांटिक और गंभीर छवि इतनी मजबूत हो गई थी कि मैं इससे बाहर निकलना चाहता था। इस इमेज से अलग होने की चाहत में मैंने जानबूझकर ऐसी भूमिकाओं से परहेज किया जो ‘सुजल’ के समान थीं, ताकि मैं खुद को एक कलाकार के रूप में विकसित कर सकूं और हर तरह के किरदार निभा सकूं।

शो छोड़ने के बाद ज्यादातर लोगों ने यह मान लिया था कि मेरा एकता से झगड़ा हो गया है। लोगों ने लिखा, ‘वह अपने काम से बहुत बड़ा हो गया है’, लेकिन किसी को सच्चाई नहीं पता थी। मैंने अपने करिअर के चरम पर, ढेर सारे पैसे और लोकप्रियता को ठुकरा कर शो छोड़ा था, इसलिए कई लोगों ने मुझे ‘अहंकारी’ समझा। साल 2008 में सीरियल ‘लेफ्ट राइट लेफ्ट’ छोड़ने के बाद मुझे यह भी पता था कि टीवी पर ज्यादा काम नहीं मिलेगा, क्योंकि कोई भी निर्माता ऐसे कलाकार को काम नहीं देगा जिसने अपने सफल शो को बीच में ही छोड़ दिया हो।

मेरे इस फैसले के कारण मेकर्स के साथ कई झगड़े हुए। उन्होंने समझाया कि जब आप किसी ऐसे शो को छोड़ देते हैं जो अच्छा चल रहा हो, तो कोई भी खुश नहीं होता। जब मैं ‘कहीं तो होगा’ से बाहर आ रहा था तो मैं एकता की मां शोभा कपूर से मिलने गया था। उस समय किसी कलाकार के शो छोड़ने का मतलब आमतौर पर यह होता था कि उसे अधिक पैसे चाहिए और मुझे भी इसकी पेशकश की गई थी। उन्होंने कहा कि वे मेरी सैलरी बढ़ा देंगे और मैंने कहा कि कम कर दो लेकिन मुझे क्वालिटी दो।

रामगोपाल वर्मा ने कहा, मैं कह सकता हूं कि मैं 23 घंटे काम करना चाहता हूं और…

एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण पिछले साल सितंबर में बेटी दुआ की मां बनी थीं। कहा जा रहा था कि वह मां बनने के बाद ‘एनिमल’ फेम डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा की अपकमिंग फिल्म ‘स्पिरिट’ की शूटिंग करेंगी। हालांकि कुछ समय पहले ऐसी खबर आई कि ‘स्पिरिट’ के लिए उन्होंने 8 घंटे शिफ्ट और ज्यादा फीस की डिमांड की है जिसके बाद उन्हें फिल्म से बाहर कर दिया गया। इसके बाद काजोल, अजय देवगन, विक्रांत मैसी सहित कई सितारों ने दीपिका की शिफ्ट ड्यूटी का समर्थन किया।

अब इस मुद्दे पर दिग्गज फिल्ममेकर रामगोपाल वर्मा ने भी रिएक्शन दी है। हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बातचीत में रामू ने कहा कि जब एक्टर्स के लिए फिक्स शिफ्ट टाइमिंग की बात आती है तो मुझे सचमुच लगता है कि यह दो लोगों के बीच एक समझौता है। उनमें से हर एक को अपनी बात कहने का हक है और दूसरे को मना करने का भी। यह कई फैक्टर्स पर डिपेंड करता है। निर्देशक को किसी खास लाइट की जरूरत हो सकती है। हो सकता है कि वह किसी और अभिनेता का कॉम्बीनेशन चाहता हो, या हो सकता है कि लोकेशन उपलब्ध न हो। ऐसे कई फैक्टर्स हैं जो इसमें भूमिका निभा सकते हैं।

मेरे हिसाब से ये पूरा मामला बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। मैं कह सकता हूं कि मैं 23 घंटे काम करना चाहता हूं और एक्टर कह सकता है कि मैं सिर्फ एक घंटा काम करूंगा। ये उनका फैसला है। लेकिन कोई इंसान किसी दूसरे इंसान को जबरदस्ती कैसे कर सकता है? वो साथ काम करने या न करने का फैसला कर सकते हैं। लेकिन मीडिया में इस बात को बहुत बड़ा कर दिया गया। बता दें कि दीपिका के ‘स्पिरिट’ से बाहर होने के बाद प्रभास के अपोजिट काम करने के लिए तृप्ति डिमरी को कास्ट कर लिया गया है।