टीवी के विभिन्न चैनलों पर आजकल सर्वाधिक तादाद में दक्षिण भारतीय सिनेमा की फिल्मों को प्राथमिकता दी जाती है। 24 घंटे में शायद ही कोई ऐसा चैनल होगा जो अपने यहाँ पर दक्षिण भारत की फिल्में न दिखाता हो। यदा-कदा ही किसी हिन्दी फिल्म का प्रसारण होता है। टीवी के दर्शकों को भी दक्षिण भारतीय फिल्में देखने में ज्यादा आनन्द आता है, क्योंकि वहाँ की फिल्में मसाला एंटरटेन से भरपूर होती हैं।
हिन्दी भाषी दर्शकों को इन फिल्मों को दिखाने से पहले चैनल वालों को इसकी डबिंग और सैटेलाइट राइट्स खरीदे पड़ते हैं। एक तरफ जहां बड़े बजट की फिल्मों को मुँह मांगी कीमत मिल जाती है, वहीं छोटे और मझोले बजट में तैयार की गई फिल्मों को उतनी कीमत नहीं मिल पाती जिसकी वे हकदार होती हैं।
हाल ही में टॉलीवुड में बनी एक फिल्म ‘प्रेमा कथा चित्रम-2’ के सैटेलाइट और डबिंग अधिकारी मात्र डेढ करोड़ में बिके हैं। इस फिल्म का पहला भाग सिनेमाघरों के साथ-साथ टीवी के परदे पर भी काफी सफल रहा था। इसके बावजूद इसके दूसरे भाग को सिर्फ डेढ़ करोड़ में खरीदा गया है। हालांकि दक्षिण भारत की छोटी फिल्मों के लिए लाभ यह है कि उनमें से कई फिल्मों के हिंदी डबिंग और उपग्रह अधिकारों की बड़ी मांग में हैं।
डेढ़ करोड़ में ‘प्रेम कथा चित्रम-2’ के सैटेलाइट अधिकार बेचने के बाद इस फिल्म के निर्माता सुदर्शन रेड्डी खुश हैं कि उनकी फिल्म के सैटेलाइट राइट्स इतनी राशि में बेचे गए हैं। इस फिल्म का निर्देशन हरि किशन ने किया जो उनकी डेब्यू निर्देशकीय फिल्म है। फिल्म में नंदीता श्वेता मुख्य भूमिका में हैं। इस हॉरर फिल्म में सुमंथ अश्विन और सिद्धि इडानी नायक-नायिका के तौर पर नजर आएंगे। शीघ्र ही इस फिल्म का टीवी चैनलों पर प्रसारण किया जाएगा। टीवी के परदे पर इस फिल्म की सफलता तय मानी जा रही है।
वैसे भी इन दिनों टीवी के परदे पर दक्षिण भारतीय हॉरर फिल्मों का बोलबाला है। हाल ही में टीवी पर रामचरण तेजा की हॉरर फिल्म सुपर हीरो शंहशाह-3 का प्रसारण किया गया, जिसमें नागार्जुन ने भी अहम् भूमिका निभाई है। इस फिल्म को दर्शकों ने बहुत पसन्द किया है। उससे पहले कांचा, कांचा रिर्टन्स, कांचा-2 जैसी हॉरर फिल्मों ने भी छोटे परदे पर खासी लोकप्रियता प्राप्त की है।