अनुच्छेद 370 हटने पर पाक अभिनेत्री माहिरा खान ने कहा - 'कश्मीर एक बार फिर खुली जेल की तरह'

केंद्र सरकार ने सोमवार को अनुच्छेद 370 हटा दिया। फैसले का एलान गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में किया। इस अधिसूचना के जारी होते ही सोशल मीडिया पर तरह-तरह के रिएक्शन आने लगे। लोग वॉट्सऐप, फेसबुक से लेकर ट्वीटर तक पर जम्मू-कश्मीर मुद्दे को लेकर मैसेज, जोक्स और फैक्ट्स शेयर कर रहे हैं। वहीं बॉलीवुड सेलिब्रिटीज भी रिएक्शन दे रहे हैं। इस बीच पाकिस्तानी एक्ट्रेस ने 370 के हटने को लेकर ऐसा ट्वीट कर दिया जो वायरल हो रहा है। इस ट्वीट के बाद पाक अभिनेत्री ट्रोल भी किया जा रहा है। शाहरुख खान के साथ 'रईस' फिल्म में नजर आई पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा खान (Mahira Khan) ने इस मुद्दे पर ट्वीट में कहा - 'जो लोग कश्मीर को जेल बनाने पर आमदा है और खुशी मना रहे हैं। उन्हें रुकना चाहिए। अपने दिल में झांक कर देखना चाहिए। आपको ऐसा करने पर कश्मीर में परेशान हो रहे लोगों के लिए सहानुभूति महसूस होगी। कश्मीर एक बार फिर खुले जेल की तरह हो गया है।'

माहिरा खान के अलावा एक और पाकिस्तानी अभिनेत्री ने कश्मीर के हालात को लेकर प्रतिक्रिया दी। मावरा हॉकेन ने ट्वीट किया- 'यह अमानवीय है। क्या हम लोग अंधेरे में रहते हैं?मानव जीवन की रक्षा के लिए अनगिनत परंपराएं? उस सभी नियमों और अधिकारों का क्या हुआ जो किताब में पढ़ते हैं? क्या उसका कोई मतलब है?'

आपको बता दें, गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 हटाने के लिए संकल्प पेश किया। शाह के संसद में प्रस्ताव रखने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अनुच्छेद 370 हटाने के लिए संविधान आदेश (जम्मू-कश्मीर के लिए) 2019 के तहत अधिसूचना जारी कर दी। इसके तहत जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है। लद्दाख को बिना विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है। अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि लद्दाख को केंद्र शासित राज्य का दर्ज दिया जाए, ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें। रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर को अलग से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है। जम्मू-कश्मीर राज्य में विधानसभा होगी। यानी जम्मू-कश्मीर अब दिल्ली की तरह विधानसभा वाला और लद्दाख, चंडीगढ़ की तरह व‍िधानसभा व‍िहीन केंद्रशासित प्रदेश होगा। मोदी सरकार के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर को दूसरे राज्यों से मिले ज्यादा अधिकार खत्म ही नहीं बल्कि कम भी हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर की हालत अब दिल्ली जैसे राज्य की तरह हो गई है। अब जम्मू-कश्मीर में चुनाव होंगे और सरकारें भी होंगी, लेकिन उपराज्यपाल का दखल काफी बढ़ जाएगा। दिल्ली की तरह जिस प्रकार सरकार को सारी मंजूरी उपराज्यपाल से लेनी होती है, उसी प्रकार अब जम्मू-कश्मीर में भी होगा। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद अब भारतीय संविधान पूरी तरह से लागू होगा। जम्मू-कश्मीर का अब अपना अलग से कोई संविधान नहीं होगा। पुनर्गठन के बाद कश्मीर में इस साल के अंत तक चुनाव हो सकते हैं। राज्य में तीन जनवरी 2019 तक राष्ट्रपति शासन लागू है।

वही जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के लिहाज से सरकार की ओर कई फैसले लिए गए। इंटरनेट सेवाओं के बंद करने की खबरें आ रही हैं। इससे पहले अमरनाथ यात्रा को सरकार ने रद्द कर दिया था। इसके साथ ही सभी पर्यटकों को तुरंत कश्मीर छोड़ने को आदेश दिया गया था।