'द बंगाल फाइल्स' ही नहीं, इन बॉलीवुड फिल्मों के भी विवादों के बाद बदले गए टाइटल, देखें पूरी लिस्ट

बॉलीवुड में फिल्मों के टाइटल को लेकर विवाद होना कोई नई बात नहीं है। कभी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगता है, तो कभी सामाजिक मुद्दों पर आपत्ति जताई जाती है। इसके चलते कई बार फिल्मों के नाम बदलने की नौबत आ जाती है। हाल ही में विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' चर्चा में आई है, जिसका टाइटल पहले 'द दिल्ली फाइल्स' था। लेकिन विरोधों और रचनात्मक जरूरतों के चलते इसे बदल दिया गया। आइए नजर डालते हैं ऐसी ही कुछ और फिल्मों पर जिनके टाइटल विवादों के कारण बदले गए—

1. हम दो हमारे बारह — हमारे बारह

विवाद: कमल चंद्रा के निर्देशन में बनी फिल्म को पहले 'हम दो हमारे बारह' नाम से प्रमोट किया गया था। फिल्म की टैगलाइन और टाइटल को लेकर मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग ने आपत्ति जताई और कहा कि यह एक खास समुदाय को निशाना बनाता है।

परिणाम: बढ़ते विरोध के बाद फिल्म का नाम बदलकर 'हमारे बारह' कर दिया गया।

2. पद्मावती — पद्मावत

विवाद:
संजय लीला भंसाली की ऐतिहासिक फिल्म 'पद्मावती' पर करणी सेना और अन्य राजपूत संगठनों ने विरोध जताया। उनका कहना था कि फिल्म में इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। विवादों के चलते यह फिल्म राजस्थान में प्रदर्शित न हो सकी, जिसके चलते कहा जाता है कि इसका बॉक्स ऑफिस परिणाम काफी प्रभावित हुआ। हालांकि फिल्म सिनेमाघरों में प्रदर्शित नहीं हुई लेकिन ओटीटी पर प्रदर्शित होकर इसे बड़ी संख्या में राजस्थानी दर्शकों को अपने साथ जोड़ने में सफलता पाई।

परिणाम:
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) की सिफारिशों के अनुसार फिल्म का नाम बदलकर 'पद्मावत' रखा गया और कुछ सीन में भी बदलाव किए गए।

3. सत्यनारायण की कथा — सत्यप्रेम की कथा

विवाद: कार्तिक आर्यन और कियारा आडवाणी की इस फिल्म का मूल टाइटल 'सत्यनारायण की कथा' था, जो हिंदू धर्म में पूजे जाने वाले भगवान सत्यनारायण से जुड़ा है। इसे लेकर धार्मिक भावनाओं के आहत होने का विवाद उठा।

परिणाम: निर्माताओं ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए टाइटल बदलकर 'सत्यप्रेम की कथा' कर दिया, ताकि किसी की धार्मिक भावना आहत न हो।

4. पृथ्वीराज— सम्राट पृथ्वीराज

विवाद: अक्षय कुमार स्टारर इस ऐतिहासिक फिल्म का टाइटल शुरू में केवल 'पृथ्वीराज' था। राजपूत संगठनों ने आपत्ति जताई कि यह नाम महापुरुष का पर्याप्त सम्मान नहीं करता।

परिणाम: फिल्म का नाम बदलकर 'सम्राट पृथ्वीराज' कर दिया गया।

5. द दिल्ली फाइल्स — द बंगाल फाइल्स

विवाद:
विवेक अग्निहोत्री की आगामी फिल्म का नाम पहले 'द दिल्ली फाइल्स' था, लेकिन इसका कथानक पश्चिम बंगाल की घटनाओं पर केंद्रित होने के कारण, फिल्म का टाइटल बदलकर 'द बंगाल फाइल्स' कर दिया गया।

6. राम सेतु (पहले: द कपिल शर्मा शो में अनाधिकारिक रूप से ‘रामसेतु प्रोजेक्ट’ कहे जाने से)

हालांकि इस फिल्म का नाम रिलीज़ से पहले ही 'राम सेतु' तय किया गया था, लेकिन कुछ समय तक यह फिल्म सोशल मीडिया पर 'रामसेतु प्रोजेक्ट' या 'रामायण आर्केलॉजी' के नाम से चर्चा में रही। इसके बाद नाम को एक धार्मिक और सीधा संदर्भ देते हुए 'राम सेतु' कर दिया गया।

7. बिल्लू बार्बर — बिल्लू

विवाद: शाहरुख खान प्रोडक्शन की इस फिल्म में 'बार्बर' शब्द के उपयोग को लेकर हेयर ड्रेसर्स यूनियन ने आपत्ति जताई थी।

परिणाम: निर्माताओं ने टाइटल छोटा कर दिया और केवल 'बिल्लू' रख दिया।

8. मजमा —माधुरी दीक्षित की फिल्म का टाइटल किसी भी विवाद से पहले बदला गया था

Netflix की फिल्म 'मजमा' को लेकर भी कुछ वक्त तक यह चर्चा थी कि इसे 'मदर ऑफ ऑल' नाम से रिलीज़ किया जाएगा। लेकिन बाद में फिल्म की थीम को ध्यान में रखते हुए, 'मजमा' नाम को प्राथमिकता दी गई।

9. लव रंजन की फिल्म —तू झूठी मैं मक्कार

परिस्थिति:
लव रंजन की इस रणबीर-श्रद्धा कपूर स्टारर फिल्म का लंबे समय तक कोई नाम नहीं था। सिर्फ Luv Ranjan's Next के नाम से जानी जाती रही।

रणनीति:
बाद में युवा वर्ग को टारगेट करने और कैची टोन के लिए टाइटल 'तू झूठी मैं मक्कार' रखा गया, जिसने सोशल मीडिया पर काफी ट्रेंड भी किया।

10. मुंबई सागा (पहले टाइटल: बैड बॉयज ऑफ बॉम्बे)

संजय गुप्ता द्वारा निर्देशित इस गैंगस्टर ड्रामा का शुरुआती नाम ‘बैड बॉयज ऑफ बॉम्बे’ था। लेकिन बाद में अधिक भावनात्मक और शहर से जुड़ाव दर्शाने के लिए इसका नाम 'मुंबई सागा' कर दिया गया।

इन उदाहरणों से साफ है कि एक फिल्म का टाइटल केवल नाम भर नहीं होता, बल्कि वह सामाजिक भावनाओं, ब्रांडिंग और दर्शकों से जुड़ने का एक अहम जरिया होता है। जब कोई नाम विवाद में आ जाए या फिर फिल्म के उद्देश्य को दर्शाने में कमजोर साबित हो, तो टाइटल बदलना निर्माताओं के लिए मजबूरी बन जाता है।

बॉलीवुड में फिल्म निर्माण के दौरान सिर्फ स्क्रिप्ट और एक्टिंग ही नहीं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक भावनाओं का भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है। कई बार सिर्फ एक नाम ही बड़े विवाद का कारण बन जाता है। इन फिल्मों की लिस्ट इस बात का प्रमाण है कि टाइटल चयन करते समय सावधानी बरतना आज के दौर में जरूरी हो गया है।