एजाज खान को रेप केस में अंतरिम जमानत नहीं, बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, अगली सुनवाई 2 जून को

बॉलीवुड अभिनेता एजाज़ खान को एक रेप केस में अंतरिम जमानत देने से बॉम्बे हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। अदालत ने अगली सुनवाई 2 जून को निर्धारित की है और अभिनेता को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।

यह मामला एक अभिनेत्री की शिकायत पर आधारित है, जिसने आरोप लगाया है कि एजाज खान ने उससे विवाह का झांसा देकर यौन शोषण किया। इससे पहले मुंबई की एक सेशंस कोर्ट ने भी एजाज की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिससे उनकी कानूनी स्थिति और भी जटिल हो गई है।

एजाज का दावा - महिला जानती थी कि मैं शादीशुदा हूं

एजाज खान ने अपनी याचिका में कहा कि महिला को पता था कि वह पहले से शादीशुदा है और उनके बीच जो कुछ भी हुआ वह दोनों की सहमति से था। उन्होंने अदालत को बताया कि उनके पास व्हाट्सएप चैट्स और वीडियो के रूप में सबूत भी हैं। साथ ही एजाज ने आरोप लगाया कि महिला ने मामले को वापस लेने के लिए 10 लाख रुपये की मांग की थी।

मामले की पूरी जानकारी

मुंबई के चरकॉप पुलिस स्टेशन में एजाज खान के खिलाफ एक अभिनेत्री की शिकायत के बाद रेप का मामला दर्ज किया गया था। शिकायत में कहा गया कि एजाज ने उसे शादी का झांसा देकर यौन संबंध बनाए और काम देने का वादा भी किया था।

यह मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 64, 64(2)(M), 69, और 74 के तहत दर्ज किया गया है और जांच जारी है। हाल ही में दिंडोशी सेशंस कोर्ट ने एजाज खान की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

अश्लील सामग्री के लिए भी शिकायत दर्ज


एजाज खान विवादों में तब भी आए थे जब उनके शो 'हाउस अरेस्ट' को लेकर मुंबई के अंबोली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज हुई। आरोप था कि शो में अश्लील और अनुपयुक्त सामग्री दिखाई गई, जो कंटेंट गाइडलाइंस का उल्लंघन है।

यह रियलिटी शो उल्लू ऐप पर प्रसारित होता था और इसमें एजाज खान मेजबानी करते थे। 29 अप्रैल को सोशल मीडिया पर शो का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एजाज ने महिला प्रतिभागियों से कपड़े उतारने और कामसूत्र की पोज़ देने के लिए कहा था।

इस क्लिप के वायरल होने के बाद महिला आयोग और कई राजनीतिक पार्टियों ने इस शो और इसके निर्माताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

2 मई को राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने उल्लू ऐप के सीईओ विष्णु अग्रवाल और अभिनेता एजाज खान को नोटिस जारी कर 9 मई तक आयोग के सामने पेश होने का आदेश दिया।