बॉयोपिक के लायक नहीं है मेरी जिन्दगी: सुनील गावस्कर

भारतीय क्रिकेट में सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। अपने खेल कौशल से अपने समय में उन्होंने कई दिग्गज गेंदबाजों को बाउंड्री के बाहर पहुंचाने का काम किया है। टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से सबसे पहले 10 हजार रन बनाने वाले सुनील गावस्कर की बॉयोपिक को लेकर चर्चा पिछले कुछ समय से हो रही है। लेकिन अब उन्होंने स्वयं ही इस पर विराम लगा दिया है। भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का कहना है कि उनकी जिंदगी में ऐसा कुछ रोचक नहीं, जिसके आधार पर उनके जीवन पर आधारित बॉयोपिक बनाई जा सके। क्रिकेट की दुनिया से महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर पर बॉयोपिक बनाई जा चुकी हैं और कपिल देव पर उनकी बॉयोपिक शूटिंग पर जा रही है जिसमें रणवीर सिंह उनके किरदार को निभाते नजर आएंगे।

हाल ही में एक समाचार एजेंसी को दिए अपने साक्षात्कार में गावस्कर ने कहा, मैं सच में अपने ऊपर बॉयोपिक के पक्ष में नहीं हूं। मेरा जीवन काफी नियमित है। इसमें कुछ रोचक नहीं। एक दर्शक के तौर पर मैं इसे पर्दे पर देखना भी पसंद नहीं करूंगा। तो फिर लोग क्यों पसंद करेंगे। कई बार लोगों ने मुझसे बॉयोपिक के सम्बन्ध में बात की लेकिन मैं मानता हूं कि मेरा जीवन बायोपिक के लिए रोचक नहीं है।

निर्देशक कबीर खान (Kabir Khan) इन दिनों 1983 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम की उपलब्धि पर बॉयोपिक बना रहे हैं। विश्व कप जीतने वाली टीम में गावस्कर (Sunil Gavaskar) भी शामिल रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह कबीर खान (Kabir Khan) से मिले हैं, गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने कहा, हां मैं कबीर से मिला हूं और हमारी बातचीत 1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम पर केंद्रित रही। हमने विश्व कप टूर्नामेंट के बारे में बात की और साथ ही विश्व कप में हमारी टीम के सफर पर बात की। टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 10 हजार रन पूरे करने वाले गावस्कर ने कहा, लेकिन हमारी मुलाकात आगे भी होगी और हमारी बातचीत का विषय टीम और उसकी सफलता ही होगी।

फिल्मकार करण जौहर (Karan Johar) के टेलीविजन कार्यक्रम ‘कॉफी विद करण’ में क्रिकेटर स्टार हार्दिक पांड्या और लोकेश राहुल के शामिल होने और उस कार्यक्रम में पांड्या और राहुल द्वारा दिए गए विवादित बयान को लेकर गावस्कर ने कहा कि करियर की शुरुआत में कुछ खिलाडिय़ों के लिए स्टारडम सम्भालना मुश्किल होता है।

गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने कहा, मुझे यहां बताना होगा कि किसी भी खिलाड़ी के करियर के शुरुआती दौर में स्टारडम को सम्भालना काफी मुश्किल होता है। आपको अपने खेल में लगातार सुधार करना होता है और एक खिलाड़ी के तौर पर लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना होता है। ऐसे में सीनियर खिलाडिय़ों की जिम्मेदारी बनती है कि वे युवा खिलाडिय़ों का मार्गदर्शन करें। पुराने खिलाडिय़ों को पता होता है कि ऐसे हालात से कैसे निपटना है क्योंकि वे पहले इस तरह के हालात से गुजर चुके होते हैं।

टी-20 के समय में टेस्ट क्रिकेट की प्रासंगिकता के बारे में गावस्कर ने कहा, हर युवा को पता होना चाहिए कि क्रिकेटर को इतिहास में टेस्ट क्रिकेट के उसके प्रदर्शन के आधार पर याद किया जाएगा। यह प्रारूप उत्कृष्ट है, लेकिन नई पीढ़ी टी-20 एवं वनडे क्रिकेट बहुत खेल रही है और अधिक रन भी बना रही है। इस कारण से टेस्ट क्रिकेट में भी अधिक नतीजे निकल रहे हैं, पहले ज्यादा मैच ड्रॉ होते थे। इसने टेस्ट क्रिकेट अधिक रोमांचक भी बनाया है।