#MeToo: क्या झूठा था वरुण ग्रोवर के ऊपर लगाया गया इलज़ाम, खुलासे के बाद यू-टर्न लेते हुए महिला ने डिलीट किए ट्वीट!

#MeToo कैम्पेन की मदद से भारत में महिलाएं अपने साथ अतीत में हुई यौन शोषण की घटनाओं का सोशल मीडिया पर जमकर खुलासा कर रही है। इस मुहिम में बॉलीवुड की बड़ी-बड़ी हस्तियों के नाम सामने आ रहे है। नाना पाटेकर, विकास बहल, आलोक नाथ, रजत कपूर, कैलाश खेर, उत्सव चक्रवर्ती के बाद अब इंडस्ट्री के मशहूर लेखक व कमीडियन वरुण ग्रोवर पर उनके ही कॉलेज में रही एक जूनियर ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। लेकिन अब इस पूरे मामले ने नया मोड़ ले लिया है ।

पढ़ाई के दिनों में वरुण पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला बैकफुट पर नजर आई और यू-टर्न लेते हुए अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया। यह सब तब हुआ जब ट्विटर पर वरुण ने एक-एक आरोपों पर विस्तार से अपना पक्ष रखा।


चार पेज का बयान जारी किया


सोशल मीडिया पर खबर तेजी से वायरल होने के बाद वरुण ने अपने ट्विटर अकाउंट पर चार पेज का बयान जारी किया है। वरुण ने कहा है कि कॉलेज में केवल दो ही नाटक लिखे थे, जिसमें से एक का ही निर्देशन उन्होंने किया था। जिस म्यूजिक क्लब में महिला ने शोषण की बात कही है, वहां वह कभी गया ही नहीं है। वरुण पर आरोप की जानकारी होने के बाद आईआईटी के प्रोफेसर भी वरुण ग्रोवर के बचाव में आ गए हैं। वे वरुण पर लगाए गए आरोपों पर आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं। एक शिक्षक ने बताया कि तब बीएचयू के तहत ही आईटी चलता था।

2000 से 2004 तक सिविल इंजीनियरिंग के छात्र रहे वरुण पर ऐसा आरोप लगाना ही गलत है। उन्होंने बताया कि 2004 में बीटेक करने के बाद उसने नौकरी नहीं की और मुंबई चला गया। वरुण का ऐसा स्वभाव ही नहीं है।

उस पर ऐसा आरोप लगाया गया, यह सुनकर आश्चर्य हो रहा है। उसके लिखे नाटक को शिलांग में अक्तूबर 2001 में आयोजित इस्टजोन इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में मंचन किया गया था, उस वक्त बीएचयू की टीम को गोल्ड मेडल मिला था।

क्या था आरोप

सोशल मीडिया पर लड़की के आरोपों को लेकर भेजे गए मेसेज के स्क्रीनशॉट शेयर किए गए थे। इनमें लिखा था, 'वरुण ग्रोवर साल 2001 में बीएचयू में मेरे सीनियर थे। वह ड्रामा सोसायटी के सदस्य थे और सच बताऊं तो मैं भी उनकी बहुत बड़ी फैन थी। राइटिंग के लिए उनका पैशन देखने के दौरान मैंने उन वॉर्निंग्स पर ध्यान नहीं दिया जिन पर मुझे देना चाहिए था। एक दोपहर उन्होंने मुझे वार्षिक फेस्ट की तैयार के लिए अपने पास बुलाया। वहां गई तो बातों-बातों में उन्होंने मुझे कहा कि मैं उन्हें अप्सरा तिलोत्तमा की याद दिलाती हूं। मैंने इसे मजाक में लिया। उन्होंने बताया कि वह नया प्ले लिख रहे हैं जिसमें मैं उनकी तिलोत्तमा बनूंगी। मुझे लेखन पसंद था इसलिए मुझे लगा उनके ड्रामा का हिस्सा बनकर मुझे सीखने का मौका मिलेगा।'

'हम एक म्यूजिक क्लब में मिले जहां उन्होंने मुझे मेरे किरदार के बारे में बताया, जिसमें बचपना होता है लेकिन वह विध्वंसक भी होती है। इस दौरान उन्होंने मुझे बताया कि किरदार के लिए मुझे कैसे चलना होगा। वह खुद को विश्वकर्मा बुलाते रहते थे, मुझे लगा यह कोई कैंपस जोक है। किरदार के बारे में बताते हुए उन्होंने खुद उसकी तरह चलकर दिखाया और फिर मुझे ऐसा करने को कहा।'

'मैं उठी और उसी तरह चलकर उनके ओर जाने लगी। उन्होंने अपने दोनों हाथ फैला लिए, मुझे लगा वह विश्वकर्मा का किरदार प्ले कर रहे हैं। जैसे ही मैं उनके नजदीक पहुंची उन्होंने मुझे अपनी ओर खींचा और कसकर पकड़ लिया। वह मेरे पीछे सटकर खड़े हो गए मैं उनका प्राइवेट पार्ट महूसस हुआ इसके बाद मुझे समझ आया कि असल में हो क्या रहा है। मैंने तुरंत उन्हें धक्का दिया और खुद को उनसे दूर किया।'

बता दें कि, वरुण ग्रोवर कई हिट फिल्मों के लेखक और गीतकार रह चुके हैं, जिनमें 'मसान', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर 2', 'उड़ता पंजाब' जैसी फिल्मों के नाम शामिल हैं।