बॉलीवुड की दुनिया में जहां रिश्ते अक्सर समय की कसौटी पर खरे नहीं उतरते, वहीं कुछ दोस्तियां मिसाल बन जाती हैं। ऐसी ही गहरी और ईमानदार दोस्ती है सोहा अली खान और नेहा धूपिया की। हाल ही में एक इंटरव्यू में नेहा ने उस पलों को याद किया जब वह अंगद बेदी संग शादी करने जा रही थीं और उनकी सबसे करीबी दोस्त सोहा ने उन्हें एक बेहद गंभीर लेकिन हकीकत से भरी सलाह दी थी— आदमियों की ईगो बहुत नाजुक होती है, इसलिए देखना कि तुम क्या बोल रही हो।
दोस्ती की गहराई और सलाह की गंभीरतानेहा और सोहा दोनों ही अपने-अपने करियर में सफल अभिनेत्रियाँ हैं और एक-दूसरे की जिंदगी की महत्वपूर्ण घटनाओं में हमेशा साथ रही हैं। नेहा ने बताया कि अंगद से शादी के वक्त सोहा ने उन्हें बहुत ही व्यावहारिक सलाह दी थी, जो उन्होंने आज भी याद रखी है। नेहा के अनुसार, यह सलाह सिर्फ शादी को लेकर नहीं थी, बल्कि यह रिश्तों की बारीक समझ को दर्शाती थी।
सोहा को अपनी मां से मिली थी ये सीखइंटरव्यू में मौजूद सोहा अली खान ने यह भी बताया कि यह सलाह उन्हें उनकी मां शर्मिला टैगोर से मिली थी। शर्मिला ने सोहा से कहा था—एक औरत को आदमियों की ईगो का और आदमियों को महिलाओं की भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए।
इस पर सोहा ने स्पष्ट किया कि आज के समय में यह बात दोनों तरफ लागू होती है— मर्दों में भावनाएं होती हैं और औरतों की भी ईगो हो सकती है। लेकिन उस पीढ़ी की यह सलाह रिश्तों को संतुलन में रखने के नेक इरादे से दी गई थी।
शादी की जानकारी सोहा को नहीं थीनेहा ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने शुरू में अंगद से शादी की बात सोहा से छुपाकर रखी थी। मज़े की बात यह थी कि सोहा की मां अंगद के परिवार की दोस्त थीं और उन्होंने ही शादी का कार्ड पाया। यह बात जानकर सोहा काफी चौंकी थीं। लेकिन उनकी प्रतिक्रिया में कोई शिकायत नहीं, बल्कि वही दोस्ताना अपनापन था जो इस रिश्ते की बुनियाद है।
नेहा- अंगद और सोहा की दोस्ती: एक उदाहरणबॉलीवुड की चकाचौंध के पीछे जो असल मानवीय रिश्ते हैं, वे इसी तरह की कहानियों से सामने आते हैं। नेहा और सोहा की दोस्ती में ईमानदारी, समझ और समर्थन है। एक तरफ नेहा जैसी आत्मविश्वासी महिला को शादी के महत्वपूर्ण मोड़ पर अपनी दोस्त से एक ‘रीयल’ सलाह मिलती है, तो दूसरी तरफ सोहा जैसे संवेदनशील दोस्त उस सलाह के पीछे की जड़ तक समझाने से नहीं हिचकिचातीं।
सलाह जो सिर्फ शब्द नहीं, रिश्तों की नींव बनती है
इस किस्से से यह बात और पुख्ता होती है कि रिश्तों में सिर्फ प्रेम और भावनाएं नहीं, बल्कि आपसी समझ और संवेदनशीलता भी जरूरी होती है। सोहा की यह बात कि “हर किसी को दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए,” एक ऐसा संदेश है जो हर दंपति और हर रिश्ते में लागू हो सकता है। यह सलाह आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी एक दशक पहले थी।