‘बॉलीवुड के सबसे बड़े देशभक्त’ मनोज कुमार हुए 84 साल के, दिलीप कुमार से प्रेरित हो रखा था नाम, जानें…

एक्टर मनोज कुमार का आज 84वां जन्मदिन है। मनोज कुमार ने ऐसे समय में बॉलीवुड में कदम रखा था जब दिलीप कुमार, राज कपूर, देव आनंद जैसे दिग्गजों की तूती बोलती थी। इसके बावजूद उन्होंने अपनी विशिष्ट अदाकारी से लोगों के दिलों में जगह बनाई। फैंस आज भी उनकी फिल्में देखकर खुशी महसूस करते हैं। एक समय था जब मनोज कुमार को बॉलीवुड में देशभक्ति फिल्मों का पर्याय माना जाता था। उनके बिना पेट्रियोटिक फिल्मों की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। लगता था कि वे ही सबसे बड़े देशभक्त हैं। यहां तक कि लोग उन्हें प्यार से भारत कुमार कहकर पुकारने लगे।


पत्नी की सलाह पर फिल्मी दुनिया में रखा कदम

मनोज कुमार का असल नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी है। उनका जन्म 24 जुलाई 1937 को पाकिस्तान के एबटाबाद में हुआ था। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से पढ़ाई की। दिलीप कुमार के रोल से प्रभावित होकर उन्होंने अपना नाम मनोज कुमार रखा। दरअसल मनोज जब 11 साल के थे तो उन्होंने दिलीप कुमार की शबनम फिल्म देखी थी। इसमें दिलीप कुमार के किरदार का नाम मनोज था। मनोज कुमार ने पत्नी शशि की सलाह पर फिल्मों में काम करना शुरू किया था। उनकी पहली फिल्म साल 1957 में आई फैशन थी।


उपकार के लिए मिला था नेशनल अवार्ड

मनोज कुमार को फिल्म उपकार के लिए 1968 में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। वर्ष 1972 में बेईमान के लिए फिल्मफेयर अवार्ड मिला। वर्ष 1992 में कला में योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा गया। साल 1999 में फिल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला। उन्हें साल 2016 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार भी मिला। निजी जिंदगी की बात करें तो मनोज कुमार और शशि के दो बेटे हैं, जिनका नाम विशाल और कुणाल है।


ये हैं मनोज कुमार की यादगार फिल्में

मनोज कुमार की यादगार फिल्मों की बात करें तो इनमें मुख्य रूप से 'हरियाली और रास्ता', 'हिमालय की गोद में', 'दो बदन', 'सावन की घटा', 'पत्थर के सनम', 'उपकार', 'पूरब और पश्चिम', 'वो कौन थी', 'रोटी कपड़ा और मकान' और 'क्रांति' का नाम आता है। मनोज कुमार और दिलीप कुमार ने शहीद, आदमी और क्रांति जैसी फिल्मों में काम किया। क्रांति के तो डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी मनोज कुमार ही थे।