2 News : करीना ने कहा, खुद को खुश रखने से खुशी मिलती है, यह हीरो भी सुशांत की जैसे देना चाहता था जान

साल 2000 में अभिषेक बच्चन के साथ ‘रिफ्यूजी’ फिल्म से करिअर शुरू करने वालीं करीना कपूर खान (43) बॉलीवुड में खास पहचान बना चुकी हैं। करीना का वास्ता ऐसे खानदान से है, जिसमें एक से बढ़कर एक टॉप क्लास एक्टर हैं। करीना के पिता रणधीर कपूर और मां बबीता अपने जमाने के उम्दा कलाकार रहे हैं। उनकी बहन करिश्मा कपूर ने भी बुलंदियों को छुआ है। करीना के पति सैफ अली खान भी तीन दशक से ज्यादा समय से जमे हुए हैं।

करीना को नेम-फेम और धन-दौलत में कोई कमी नहीं है। करीना इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म ‘क्रू’ को लेकर सुर्खियां बटोर रही हैं, जो 29 मार्च को रिलीज होगी। इस बीच करीना ने मेंटल हेल्थ के महत्व पर जोर देते हुए कुछ खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह से वह अपने घर और काम को मैनेज करती हैं। करीना के दो बेटे तैमूर और जेह हैं। करीना ने एबीपी समिट में बातचीत के दौरान कहा कि हर कोई बिना किसी की परवाह किए सब कुछ हासिल कर सकता है जो वह चाहता है।

हालांकि वह जिस चीज को सबसे ज्यादा महत्व देता है वह है उसकी खुशी। अगर आपकी मेंटल हेल्थ अच्छी है और आप खुश हैं तो आप सब कुछ अच्छा कर सकते हैं। वहीं फेम, पैसों, परिवार या बच्चों को भी मैनेज करना जरूरी हैं, जिसके लिए मेंटल हेल्थ का ठीक होना जरूरी है। मुझे लगता है कि हर इंसान के पास यह सब कुछ हो सकता है। लेकिन मुझे लगता है कि मेरे पास जो है पर इन सभी चीजों में सबसे महत्वपूर्ण है कि मैं खुश हूं और खुशी एक ऐसी चीज है जो मेरे पास है क्योंकि मेरी खुशी मेरी अच्छी मेंटल हेल्थ है।

नेम-फेम, पैसा, करिअर, पति, बच्चे सब कुछ छोटा पड़ जाता है अगर आपकी मेंटल हेल्थ सही न हो और मेंटली खुश न हो। तो मेरे लिए यह सबसे महत्वपूर्ण चीज है जिसे एक महिला को समझना चाहिए। खुद को खुश रखने से खुशी मिलती है।

विवेक ओबेरॉय ने की जिंदगी के डार्क फेज के बारे में बात, मां की नसीहत से संभले

एक्टर विवेक ओबेरॉय (47) ने साल 2002 में ‘कंपनी’ फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्हें कई और बढ़िया फिल्मों में काम करने का मौका मिला। हाल ही में वे मशहूर डायरेक्टर रोहित शेट्टी की वेब सीरीज ‘इंडियन पुलिस फोर्स’ में नजर आए थे। विवेक ने अपने करिअर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। साथ ही उनकी निजी जिंदगी भी सुर्खियों में रही है। विवेक अक्सर अपने अनुभव शेयर करते हैं।

हाल ही में विवेक ने अपनी जिंदगी के डार्क फेज के बारे में बात की। विवेक ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि कि एक वक्त ऐसा भी था जब मैं काफी परेशान था। मैंने भी सुशांत सिंह राजपूत की तरह अपनी जान लेने के बारे में सोचा था। ऐसा तब होता है जब आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में एक साथ चीजें खराब होने लगती हैं। अपने मुश्किल दौर में मैं मां के पास जाता था। उनकी गोद में सिर रखकर काफी रोता था और शिकायतें भी करता था।

एक दिन मैं मां की गोद में सिर रखकर करीब 30-40 मिनट तक रोया और वह बस इंतजार कर रही थीं। बाद में मां ने कहा कि बेटा जब तुम्हें अवार्ड मिल रहे थे, सभी से सराहना मिल रही थी, तब तो तुमने भगवान से नहीं कहा, मैं ही क्यों? यह बात सुनकर मुझे जिंदगी को लेकर बड़ी बात समझ आ गई। मुझे एहसास हुआ कि ये वक्त भी गुजर जाएगा। बुरे दौर में मेरे साथ मेरा पूरा परिवार था, जो मुझे हमेशा संभालता था।