2 News : रणबीर की अमिताभ से तुलना के सवाल पर अख्तर ने दिया यह जवाब, करण ने Big B की ऐसे की तारीफ

रणबीर कपूर की क्राइम थ्रिलर फिल्म 'एनिमल' 1 दिसंबर 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता मिली और इसने देश-दुनिया में ताबड़तोड़ कमाई की। यह रणबीर के करिअर की सबसे बड़ी हिट साबित हुई। मूवी में रणबीर के साथ अनिल कपूर, रश्मिका मंदाना, तृप्ति डिमरी और बॉबी देओल ने भी अपनी एक्टिंग से सबका दिल जीत लिया। हालांकि इस फिल्म के कई सीन और डायलॉग्स को लेकर काफी आलोचना भी हुई। मशहूर गीतकार व लेखक जावेद अख्तर ने भी इस मूवी पर निशाना साधा था।

अब एक बार फिर से उन्होंने कुछ टिप्पणी की है, जो सबका ध्यान खींच रही है। अख्तर ने 'इंडियन एक्सप्रेस' के साथ बातचीत में भारतीय सिनेमा में 'एंग्री यंग मैन' के आदर्श स्वरूप के विकार पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज एंग्री यंग मैन का किरदार पर्दे से गायब हो गया है। अख्तर ने अमिताभ बच्चन की भूमिकाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि उसके पीछे उनका दर्द दिखता था जोकि मॉडर्न डे एक्टर्स के कैरेक्टर में गायब रहता है।

ऐसे एंग्री यंग मैन अब कहा देखने को मिलते हैं, वो गायब हो गए हैं। इसके बाद जावेद से पूछा गया कि क्या 'एनिमल' में रणबीर की भूमिका उन्हें अमिताभ जैसा महान स्टार नहीं बना पाएगी?' तो अख्तर ने कहा कि नहीं, नहीं। मैं रणबीर के लिए एक फिल्म जरूर लिख सकता हूं जो उनका काम आसान करे। ऐसा बोलते हुए अख्तर मुस्कुरा दिए। हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई डॉक्युमेंट्री वेब सीरीज ‘एंग्री यंग मैन’ को लेकर अख्तर चर्चा में बने हुए हैं। इसमें उनके जोड़ीदार सलीम खान के बारे में भी बताया गया है।

करण जौहर ने पॉडकास्ट में अमिताभ को बताया पावर का दूसरा नाम

फिल्ममेकर करण जौहर के खाते में कई सुपरहिट फिल्में हैं। उनकी डायरेक्टर के रूप में पिछली फिल्म पिछले साल आई ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ थी, जो सफल साबित हुई। करण ने हाल ही में एक पॉडकास्ट ‘जाने मन’ के दौरान कई बातें शेयर कीं। इस पॉडकास्ट में रैपिड फायर राउंड हुआ। जब उन्हें पावर और शांति शब्द के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पावर के लिए अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया और शांति के लिए दिवंगत आध्यात्मिक गुरु दादा वासवानी का।

करण ने कहा कि मुझे लगता है कि अमिताभ में वह पावर है, जब किसी कमरे में वे प्रवेश करते हैं, तो ज्यातदातर लोग खड़े हो जाते हैं और उन्हें पता नहीं होता कि वे क्यों खड़े हैं। असल में यही सच्ची शक्ति है। शांति के लिए दादा वासवानी का नाम लेते हुए करण ने कहा कि वह अब हमारे बीच नहीं हैं। मुझे उनसे मिलकर शांति महसूस हुई और मैंने उनका साक्षात्कार लिया। यकीन मानिए, आध्यात्मिक दुनिया के लोगों से कभी इतना प्रभावित नहीं हुआ।

लेकिन मैं उनकी उपस्थिति से बहुत प्रभावित हुआ और मुझे शांति महसूस हुई। मुझे एक इंसान के तौर पर अपने सफर पर गर्व है और मैं इसे किसी भी तरह अलग तरीके से जीने का प्रयास नहीं करूंगा। मैं जो कुछ भी करता हूं, वह खुद के लिए है, बिना किसी खेद के। मैं बस अपनी सच्चाई जीना चाहता हूं।