2 News : मक्का पहुंचीं इस एक्ट्रेस ने ऐसे जाहिर की भावनाएं, अब यह हस्ती भी हुई ‘12वीं फेल’ फिल्म पर फिदा

हिना खान टीवी की दुनिया की चहेती अभिनेत्रियों में से एक हैं। हालांकि इन दिनों वह किसी सीरियल में नजर नहीं आ रहीं। हिना सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। फिलहाल वह सऊदी अरब में इस्लामिक तीर्थस्थल मक्का में दिन गुजार रही हैं। हिना ने अपनी मक्का ट्रिप की झलक भी फैंस के साथ शेयर की है। उनके हिसाब से मक्का में महिलाओं के लिए नमाज पढ़ पाना आसान नहीं है।

उनका मानना है कि भीड़ के चलते जगह मिल पाना काफी मुश्किल होता है। उन्होंने अपने उमराह की झलकियां साझा की हैं। हिना ने अपने इंस्टाग्राम पर तस्वीरें और वीडियो अपलोड किए हैं। हिना ने लिखा, “यह मेरे लिए पहली बार नहीं था... लेकिन, चिंता, घबराहट, भावनाएं बिल्कुल पहली बार की तरह हैं... आप रोते हैं और रोते हैं और केवल रोते हैं... जब आप राजसी काबा को देखते हैं तो आप हिप्नोटाइज महसूस करते हैं, आपके होंठ जम जाते हैं, आपको ठंड लगती है...आप बस अपनी आंखें नहीं हटा सकते, यह इतना अभिभूत करने वाला है...

यह जगह मेरे अंदर बहुत शांति और सुकून लाती है। मतफ एरियी में नमाज पढ़ने के लिए जगह ढूंढना आसान नहीं है क्योंकि यहां 24/7 भीड़ रहती है, ये जगह हमेशा भरी रहती है। खासकर महिलाओं के लिए बहुत मुश्किल है। मैंने मतफ की पहली ही लाइन में नमाज पढ़ी।” एक तस्वीर में हिना बुर्का पहने और उमराह पढ़ती दिख रही हैं। उन्होंने इसे कैप्शन दिया, “जुम्मा मुबारक हो, मक्का में दुआ करते हैं।” हिना को आखिरी बार 'फियर फैक्टर : खतरों के खिलाड़ी 13' में एक चैलेंजर के रूप में देखा गया था। हिना ने हाल में ही तेज बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती होने की खबर साझा की थी। हिना 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' से घर-घर में फेमस हुई थीं।

फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने '12वीं फेल' के लिए की विधु विनोद चोपड़ा की तारीफ

विधु विनोद चोपड़ा के डायरेक्शन में बनी फिल्म '12वीं फेल' को आम हो या खास सबसे सराहना मिली है। लोगों को फिल्म का सबजेक्ट और विक्रांत मैसी सहित सभी कलाकारों की एक्टिंग पसंद आई। हाल ही एक्ट्रेस कंगना रनौत और निर्माता-निर्देशक रोहित शेट्टी ने इसकी तारीफ की थी। अब फिल्म मेकर अनुराग कश्यप भी इसके कदरदानों में शामिल हो गए हैं। अनुराग ने इसके लिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लंबा नोट लिखा है।

अनुराग ने लिखा, “विधु ने 71 साल की उम्र में एक जिद्दी आदमी की एक साधारण कहानी से एक शानदार फिल्म तैयार की है। फिल्म की जिस बात ने मुझे चौंकाया, वह ये कि कैसे उन्होंने मेनस्ट्रीम की सभी परंपराओं को तोड़ दिया और दृश्यों को सरल लंबे शॉट्स में फिल्माया। मुखर्जी नगर के भीड़ वाले दृश्य, जो ऐसा लगता है जैसे कैमरा बस कहानी को बिना माहौल को परेशान किए दिखा रहा हो।

ऐसा लगा, जैसे हम दीवार पर बैठी मक्खी की तरह फिल्म को देख रहे हों। मैं मनोज से मिला हूं और मैंने किताब पढ़ी है, लेकिन विधु ने इसे जिस तरह देखा, वैसे मैं कभी नहीं देख पाया। मुझे प्रेरणा देने के लिए लव यू विधु। काश तुम कभी बड़े ना हों और 71 साल की उम्र में भी हमेशा परेशान करने वाले बच्चे बने रहो। मैं दोबारा शुरू करने के लिए तैयार हूं।”