पिछले लम्बे समय से कंगना रनौत (Kangana Ranaut) अभिनीत और कमल जैन निर्मित फिल्म ‘मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी’ निर्देशक कृष के साथ विवादों को लेकर चर्चाओं में रही है। कहा जा रहा था कि निर्देशक कृष ने इस फिल्म को अधूरा छोड दिया जिसके चलते कंगना रनौत को इस फिल्म के शेष बचे दृश्यों को निर्देशिका के तौर पर शूट करना पडा।
अब जो समाचार मीडिया में आ रहे हैं उनके अनुसार निर्देशक कृष ने इस फिल्म को अपने तय समय में पूरा कर दिया था और इसकी पहली कॉपी निर्माताओं को सौंप दी थी। लेकिन फिल्म के पटकथा लेखक विजयेन्द्र प्रसाद ने फिल्म पूरी होने के बाद कुछ और दृश्यों को अनावश्यक रूप से जोडा, जिन्हें फिल्माने से कृष ने इंकार कर दिया। उन्होंने विजयेन्द्र प्रसाद से स्पष्ट तौर पर कहा कि इन दृश्यों की फिल्म में कोई आवश्यकता नहीं है। विवाद बढने पर कृष ने फिल्म को छोड दिया, क्योंकि उन्हें अपनी दूसरी तेलुगु फिल्म जो एन.टी. रामराव के जीवन पर बन रही थी, उसे शुरू करना था।
इस बात की जानकारी फिल्म से जुडे एक सूत्र ने दी है। उसका कहना है कि कृष और कंगना के बीच कोई मतभेद नहीं थे और यह लेखक विजेंद्र प्रसाद थे जिन्होंने बिगाडऩे का काम किया और विवाद पैदा किया। दरअसल, कृष ने शूटिंग पूरी की और निर्माताओं को समय पर पहली कॉपी दी, जैसा वादा किया गया था। पहली प्रति देखने के बाद, लेखक विजयेंद्र प्रसाद ने कुछ और दृश्यों को जोडने का सुझाव दिया और कंगना सहमत हो गईं। लेकिन कृष, जो तेलुगु फिल्म के लिए प्रतिबद्ध थे, ने कहा कि यह दृश्य आवश्यक नहीं हैं, जिसके चलते वे फिर से शूटिंग करें। लेकिन विजयेंद्र प्रसाद ने कथित तौर पर कंगना से कहा कि अगर कृष फिल्म छोड़ दें, तो वे खुद इन दृश्यों को निर्देशित कर सकते हैं। जो उसने किया, जिससे अनजाने में निर्देशक को हँसी आ गई।
हाल ही में प्रमोशन के लिए हैदराबाद गई कंगना रनौत ने वहाँ पर विजयेन्द्र को अपने हर वाक्य में ‘सर’ के रूप में सम्बोधित किया, जिससे स्पष्ट हुआ कि वे उस समय उन पर बहुत कुछ निर्भर करती थीं और उनकी हर सलाह को ध्यान में रख रही थी।
इस फिल्म के साथ पहले सोनू सूद भी जुडे हुए थे। फिर समाचार आए कि कंगना के निर्देशक बनते ही सूद ने फिल्म को छोड दिया है। इस बारे में सूत्रों का कहना है कि सोनू सून ने कंगना को पुन: शूटिंग के लिए अपनी तारीखें देने से मना कर दिया, क्योंकि वे अपने किरदार के समस्त दृश्यों को पूरा कर चुके थे। सोनू सूद के बढाए गए दृश्यों को भी फिल्म के निर्देशक कृष ने अनावश्यक बताया था।
फिल्म के तेलुगु संस्करण को बढावा देने के लिए टीम हैदराबाद में थी और कृष इसमें शामिल नहीं हुए थे। कंगना ने अपने इंटरव्यू में कहा कि उन्हें इससे कोई समस्या नहीं है, अगर कृष फिल्म के प्रमोशन के समय उनके साथ नहीं हैं।