पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पर आधारित फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर (The Accidental Prime Minister)' का का ट्रेलर रिलीज हो गया है और इसके साथ ही फिल्म को लेकर राजनैतिक बहस भी छिड़ गई है। फिल्म को लेकर कुछ आपत्तियां सामने आई हैं, जिसे लेकर अनुपम खेर ने कहा कि ये किसी पार्टी को फायदा पहुंचाने के मकसद से नहीं बनाई गई है कांग्रेस नेताओं ने अनुपम खेर (Anupam Kher) अभिनीत फिल्म 'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' को अपनी पार्टी के खिलाफ भाजपा का दुष्प्रचार करार दिया है। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने इस फिल्म को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। अनुपम खेर इस फिल्म में मनमोहन सिंह का किरदार निभा रहे हैं। संजय बारू का रोल बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार निभा रहे हैं। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के रोल में जर्मन एक्ट्रेस सुजैन बर्नेट हैं। प्रियंका गांधी के रोल में टेलीविजन एक्ट्रेस अहाना कुमरा हैं। राहुल गांधी के रोल में टीवी एक्टर अर्जुन माथुर हैं। ये फिल्म मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) को लेकर लिखी गई संजय बारू (Sanjay Baru) की किताब 'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' पर आधारित है। 'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर (The Accidental Prime Minister)' को विजय रत्नाकर गुट्टे ने डायरेक्ट किया है। 'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' 11 जनवरी को रिलीज होने जा रही है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा का यह दुष्प्रचार काम नहीं करेगा और सच की जीत होगी। इसी मुद्दे को लेकर कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने तंज कसा है। उन्होंने तंज कसते हुए ट्वीट किया, 'भाड़ में गए देश के ज़रूरी मुद्दे यार, फ़िल्म देखो और तय करो कि वोट किसे देनी है! जिसने ज़्यादा अच्छा अभिनय किया है उसे या जो ज़्यादा अच्छा अभिनय कर रहा है उसे? शांतता नाटक चालू आहे। बता दें कि मराठी शब्द 'शांतता नाटक चालू आहे' मतलब होता है, शांति रखें नाटक जारी है...
ट्रेलर आने के बाद महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस ने फिल्म रिलीज होने से पहले स्पेशल स्क्रीनिंग की मांग की थी। लेकिन बाद में उन्होंने अपनी मांग वापस ले ली। इस बीच ये भी खबरें आईं कि फिल्म पर मध्य प्रदेश में रोक लगाई जा सकती है, हालांकि बाद में सरकार की तरफ से इससे इनकार किया गया।
फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' पर हो रहे विरोध के बाद मुख्य अभिनेता अनुपम खेर का कहना है, 'जितना ज़्यादा वे (कांग्रेस नेता) विरोध करेंगे, उतना ही ज़्यादा प्रचार फिल्म को हासिल होगा। पुस्तक वर्ष 2014 से बाज़ार में है, तब से अब तक तो कोई विरोध नहीं किया गया, सो, फिल्म भी उसी पर आधारित है।' अभिनेता अनुपम खेर (Anupam kher) ने कहा कि इस फिल्म को 'ऑस्कर' के लिए नॉमिनेट होना चाहिए। बजाय इसके हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि फिल्म रिलीज होनी चाहिए या नहीं। अनुपम खेर ने दावा किया कि दर्शकों को मनमोहन सिंह का किरदार बहुत पसंद आएगा।
अनुपम खेर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) की तरह नकल करने के लिए मैंने किताब पढ़ीं। मैंने पहली अपने करियर की पहली फिल्म में 28 साल की उम्र में 65 साल के बुजुर्ग का किरदार निभाया था। मेरे 25 साल के करियर की यह सबसे कठिन फिल्म है। इस फिल्म ऑस्कर के लिए होनी चाहिए, लेकिन इस पर विवाद शुरू हो गया है। आज से 25 साल बाद जब फिल्मों का इतिहास लिखा जाएगा तो इस फिल्म का नाम सबसे पहले लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूथ कांग्रेस के लीडर ने इस बारे में एक खत लिखा, लेकिन पहले मैंने इग्नोर कर दिया। हमने फिल्म सेंसर बोर्ड को दिखाई और फिर वहां से मंजूरी मिली है।। इसलिए फिल्म को किसी और दिखाने का कोई मतलब नहीं है। ''मैंने अपने 35 साल के फिल्मी करियर में 515 फिल्मों में काम किया है, मगर इस फिल्म में पूर्व मनमोहन सिंह का किरदार निभाना मेरे लिए काफी मुश्किल था।'' इसकी वजह बताते हुए खेर ने कहा कि मनमोहन सिंह पुरानी दुनिया के नेता नहीं बल्कि वे आधुनिक दौर के नेता हैं और बच्चा-बच्चा उनकी भाव-भंगिमाओं को जानता है। इस वजह से उनकी हूबहू एक्टिंग कर पाना मुझे अब तक का सबसे कठिन काम लगा।