सोन चिडिय़ा: बागियों की बोली के लिए लिया डकैतों के रिश्तेदारों का सहारा

हाल ही में समाचार प्राप्त हुए कि आगामी 1 फरवरी को प्रदर्शित होने वाली अभिषेक चौबे की फिल्म ‘सोन चिडिय़ा’ को अब 1 मार्च को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके प्रदर्शन तिथि में क्योंकर परिवर्तन किया गया है, इसकी कोई जानकारी निर्माताओं द्वारा नहीं दी गई है। 70 के दशक को दर्शाती यह फिल्म चंबल के बीहड़ों पर राज करते डकैत गिरोहों के आपसी संघर्ष की कहानी है।

इस फिल्म में काम करने वाले कलाकारों ने खुद को डकैतों के किरदार में ढालने के लिए हर जगह से इनपुट लिए। विशेष रूप से डकैतों द्वारा बोले जाने वाले लहजे पर पकड़ बनाने के लिए उन्होंने डकैतों के रिश्तेदारों से भी बातचीत की और उनकी डायलेक्ट (लहजे) को ग्रहण किया। उनको इस काम में मदद की राम नरेश दिवाकर ने जो इन कलाकारों को डायलेक्ट (लहजे) की ट्रेनिंग देने का काम भी कर रहे थे। हाल ही में दिए अपने एक बयान में राम नरेश ने बताया, ‘एक्टर्स के कैरेक्टर क्रिएशन की डिमांड को देखते हुए उन्हें डकैतों के लहजे के बारे में स्पष्ट तौर पर बताना जरूरी था।

इसी के मद्देनजर उन्हें बुंदेली बोली के टिप्स दिए और प्रैक्टिकली रू-ब-रू कराने के लिए डकैतों के रिश्तेदारों से भी बात की गई। इससे कलाकारों को काफी मदद मिली।’ किस कलाकार ने जल्द ही इस भाषा को पकड़ा, पूछने पर वे कहते हैं, ‘अच्छी बात यह रही कि एक्टर्स ने 15 दिनों में ही टोन को पकड़ लिया था। सेट पर मैं हमेशा मौजूद रहा था। उन्हें बुंदेलखण्ड के कुछ न्यूज वीडियोज दिखाए गए। भूमि पेडनेकर ने बहुत जल्द डायलेक्ट (लहजा) पकड़ लिया था। बॉम्बे की लडक़ी बुंदेलखण्डी बोल रही थी। वह बड़ी बात थी।

राम नरेश दिवाकर की इस मदद के बदले उन्हें इस फिल्म में काम करने का मौका मिला है। वह इसमें लक्खी के रोल में हैं, जो सुशांत सिंह के किरदार और बागियों की गैंग के बहुत करीब है। राम नरेश इस फिल्म से पहले कौन कितने पानी में, कड़वी हवा और हार्टबीट जैसी फिल्मों में भी काम कर चुके हैं।