सफलता और प्रसिद्धि क्षणभंगुर और अस्थायी होती है : रणवीर सिंह

अपने आठ साल लंबे सफर में 'गोलियों की रासलीला - राम-लीला', 'बाजीराव मस्तानी' और 'पद्मावत' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के साथ अभिनेता रणवीर सिंह ने बॉलीवुड में अपार सफलता हासिल की। अभिनेता का कहना है कि इतनी उपलब्धियां कुछ खोने के बाद मिलती हैं।

रणवीर ने 2010 में हिट फिल्म 'बैंड बाजा बारात' से अभिनय में पदार्पण किया है। इसके बाद, उन्होंने 'लेडीज वर्सेज रिकी बहल', 'लुटेरा' और 'दिल धड़कने दो' जैसी कई हिट फिल्में कीं।

स्टारडम की कीमत चुकाने की बात पर रणवीर ने कहा, "हां, मेरे हिसाब से इसकी छोटी कीमत चुकानी पड़ती है। मैं उन खुशनसीबों में से हूं जो रोजी-रोटी के लिए वही काम कर रहे हैं जो वे पसंद करते हैं।"

'सिंबा', 'गली बॉय' और '83' जैसी बड़ी फिल्में कर रहे रणवीर (32) को कोई शिकायत नहीं है।

उन्होंने कहा, "मैं अच्छा काम कर रहा हूं, मैं सबसे अच्छे फिल्म निर्माताओं से जुड़ा हुआ हूं, मैं कुछ रोमांचक कहानियों का हिस्सा हूं और मैं कुछ सबसे बड़ी परियोजनाओं का हिस्सा हूं। इसलिए, काम अच्छा है।"

चश्मा बनाने वाली कंपनी 'कैरेरा' का विज्ञापन कर रहे रणवीर ने कहा, "आपको जीवन में कुछ चीजों से समझौता करना पड़ता है। आपका समय, आपकी निजता। ईमानदारी से आप मुझे कभी शिकायत करते हुए नहीं देखेंगे।"

इतनी सफलता के साथ अपने पैर जमीं पर रखने के सवाल पर उन्होंने कहा, "मेरे पास किस्मत से बहुत मजबूत सहायक हैं। मेरा परिवार, माता-पिता, दोस्त, टीम। उन्होंने मेरी जिंदगी के कई पड़ाव देखे हैं। वे मुझसे जब बात करते हैं तो वे एक व्यक्ति से बात करते हैं न कि स्टार से। मैं बहुत खुशकिस्मत हूं जो मेरे आस-पास ऐसे लोग हैं जो इसे वास्तविक रखे हुए हैं।"

रणवीर समझते हैं कि सफलता और प्रसिद्धि क्षणभंगुर और अस्थायी होती है।

उन्होंने कहा, "आज है कल नहीं है। इसलिए आपको अपने अवसरों का सम्मान करना होगा और कठिन परिश्रम करते रहना होगा।"

'किल दिल', 'गुंडे' और 'बेफिकरे' जैसी असफल फिल्में करने वाले रणवीर सिंह का कहना है कि आलोचना स्वीकार करने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है।

ट्विटर पर एक करोड़ से ज्यादा फॉलोवर वाले रणवीर का कहना है कि वे सभी के विचारों का सम्मान करते हैं।