शक्ति सामंत की 1971 में आई रोमांटिक क्लासिक फिल्म 'अमर प्रेम' में राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की जोड़ी को भले ही पर्दे पर उतने करीब आने का मौका नहीं मिला, जितने करीब वास्तविक जीवन में एक महिला और पुरुष आते हैं, फिल्म में दोनों के बीच कई रोमांटिक गीत, एक-दूसरे के लिए प्यार व स्नेह का दर्शाया जाना न हो और अंतरंग दृश्य न हों, लेकिन फिल्म ने रोमांस की एक इबारत लिख दी थी।
वरुण धवन की फिल्म 'अक्टूबर' भी कुछ ऐसी ही मालूम पड़ रही है, जो निर्देशक शूजित सरकार और लेखिका जूही चतुर्वेदी का अब तक सबसे रोमांटिक सहयोग है। फिल्म के ट्रेलर में नदी, हरियाली, खूबसूरत सुबह, प्राकृतिक सानिध्य, पतझड़ की सुबह की झलक है।
फिल्म में वरुण एक होटल के हाउसकीपर की भूमिका में हैं और उन्हें प्यार करने के विचार मात्र से प्यार है। अस्पताल के आईसीयू में जिस लड़की को वह देखते हैं, वह कार्यस्थल पर शायद ही उन्हें भाव देती है। फिल्म एक ऐसे शख्स के बारे में है जो यह जानने से पहले कि जिसे वह चाहता है वह उसे प्यार करती है या नहीं अचेत महिला के ठीक होने का इंतजार कर रहा है, जो हाल ही में कुमैल नानजियानी की फिल्म 'द बिग सिक' में देखने को मिला।
फिल्म में वरुण, डैन के किरदार में हैं, उनके मन में यह बात बैठी है कि अगर लड़की ने उनके बारे में पूछा तो क्यों पूछा, क्या शायद वह उन्हें प्यार करती है। 'अक्टूबर' एक ऐसी दुनिया है, जिसमें प्रवेश करने का साहस आज के दौर में बहुत कम ही फिल्मकार करे। यह एक ऐसा रोमांटिक ड्रामा है, जिसके बारे में हमने सोचा कि राजेश, शर्मिला और शक्ति सामंत की फिल्म के बाद हम शायद ही दोबारा कभी ऐसा देख पाएं। इसके लिए शूजीत सरकार को सलाम करना चाहिए।