'पद्मावत' अब हम जनता की अदालत में खड़े हैं : लोकेंद्र सिंह कल्वी

सुप्रीम कोर्ट ने पद्मावत फिल्‍म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल राजस्‍थान और मध्‍य प्रदेश सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह अपने आदेश में कोई बदलाव नहीं करेगा और सभी राज्‍यों को आदेश का पालन करने को कहा है। इसके बाद यह फिल्म पूरे देश में 25 जनवरी को ही रिलीज होगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लोकेंद्र सिंह कल्वी ने कहा, "मुझे यह जानकर दु:ख हुआ कि सर्वोच्च न्यायालय ने जन भावनाओं का सम्मान नहीं किया है।"

उन्होंने कहा, "अब हम जनता की अदालत में खड़े हैं और हमें विश्वास है कि फिल्म का पूर्ण बहिष्कार करने में वह हमारा समर्थन करेगी।" उन्होंने कहा कि वे मात्र इतना चाहते थे कि नौ इतिहासकारों को फिल्म दिखाई जाए। फिल्मकारों ने मात्र तीन इतिहासकारों को फिल्म दिखाई थी।

इस दौरान संगठन की चित्तौड़गढ़ इकाई के एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने कहा कि रानी पद्मावती के शहर के लोग सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से निराश हैं। उन्होंने कहा, "हम चाहें तो हिसंक रास्ता अपनाकर लोगों और पर्यटकों को परेशान कर सकते हैं, लेकिन हमारी महिलाओं ने बिना किसी को परेशान किए 'जौहर' करने का निर्णय लिया है।"

उन्होंने दावा किया कि 'जौहर' के स्थान पर लकड़ियां जमा कर दी गई हैं और 'जौहर' के लिए 1908 महिलाओं ने पंजीकरण कराया है। प्रशासनिक अधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं या बात करने से बच रहे हैं।

'पद्मावत' गुरुवार को रिलीज हो रही है। करणी सेना का आरोप है कि भंसाली की फिल्म में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।