‘दासदेव’ को डायरेक्टर सुधीर मिश्रा ने एक नया ही रंग दे दिया है : ऋचा चड्ढा

फिल्म निर्माता सुधीर मिश्रा के निर्देशन में बन रही फिल्म 'दास देव' में पारो की भूमिका निभा रहीं अभिनेत्री ऋचा चड्ढा का कहना है कि इस फिल्म में महिलाओं का नए तरह से चित्रण की वजह से वह इसमें काम करने के लिए आकर्षित हुईं। हाल ही में अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए अभिनेत्री राजधानी दिल्ली पहुंचीं। होटल ली मेरिडियन में आयोजित प्रेस सम्मेलन में उनके साथ अभिनेता राहुल भट्ट और निर्देशक सुधीर मिश्रा भी उपस्थित थे। चूंकि यह फिल्म 20 अप्रैल को रिलीज होने के लिए तैयार है, इसलिए पूरी टीम ने मीडिया से जी भर के बात की और फिल्म के बारे में अपने अनुभव और विचार साझा किए। फिल्म और अपने पारो किरदार के बारें में बात करतें हुए ऋचा ने कहा कि "दास देव में जिस चीज ने मुझे सबसे ज्यादा आकर्षित किया, वह है सुधीर का महिलाओं का नए तरह से चित्रण करना। मैं खास तौर से पारो से जुड़े तथ्यों को पसंद किया कि वह अपने प्यार के लिए इंतजार नहीं करती। वास्तव में वह उससे मुकाबला करती है और बदला लेने के लिए उसे राजनीति में लाती है।"

जब ऋचा से पूछा गया कि फिल्म में पारो का किरदार निभाने के दौरान क्या चुनौतियां सामने आईं? तो जवाब में उन्होंने कहा, ‘चुनौतियां हमेशा विशेष रूप से बनाई गई फिल्म या चुनी गई कहानियों के साथ आवश्यक तौर पर होती हैं, लेकिन एक कुशल डायरेक्टर उन चुनौतियों को कलाकार के अनुकूल बना देते हैं। हर कोई जानता है कि यह चरित्र पूर्व में बॉलीवुड के बड़े कलाकारों द्वारा भी निभाया गया था, इसलिए हां, यह चुनौतीपूर्ण था, लेकिन मुझे यह कहना चाहिए कि यह अलग तरह की फिल्म है, जिसका निर्माण एक नए मकसद के साथ दर्शकों के बीच आना है। फिल्म में मेरी भूमिका एक मॉडर्न पारो की है, जो अब बंद होते दरवाजे के पीछे दीया लेकर नहीं भागेगी। दरअसल, यह पारो थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि मुझे ऐसा नहीं लगता है कि आजकल पारो अपने देव के लिए रोती हैं और एक साड़ी में उसके पीछे दौड़ेंगे। इसकी वजह यह है कि उसकी अपनी शैली और रवैया है, वह अपने स्वयं के स्कूटी और बाइक की सवारी करती है, उसकी गरिमा और सम्मान का प्रदर्शन करती है। यह इस बात का निर्णय दर्शकों पर छोड़ते हैं कि वे उसके नजरिया को सही मानते हैं या गलत, लेकिन हमें यकीन है कि लोग इस किरदार और फिल्म को अवश्य पसंद करेंगे।’

ऋचा आगे कहती हैं, ‘मेरा मानना है कि फिल्म ‘दासदेव’ को डायरेक्टर सुधीर मिश्रा ने एक नया ही रंग दे दिया है, जो एक कलाकार के लिए बहुत ही दिलचस्प है। फिल्म की कहानी की बात करें तो ‘दासदेव’ में दास से देव बनने के सफर को बड़े परदे पर दिखाया जाएगा। इसमें राजनीति को भी इंट्रोड्यूस किया गया है। वह भी ऐसे कि देव और पारो में मतभेद है। इसलिए पारो देव से बदला लेने लगती है, जिसके चलते पॉलिटिकल राइवल बन जाती है। खास बात यह कि इस फिल्म में विलियम सेक्सपियर के ‘हेमलेट’ का भी कुछ भाग देखने को मिलेंगे।’

दूसरी ओर, फिल्म के निर्देशक सुधीर मिश्रा ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह फिल्म सभी प्रकार के दर्शकों को लक्षित करेगी। हर भारतीय राजनीति और इसकी लत को समझता है, इसलिए मुझे लगता है कि इसकी पहुंच ज्यादा से ज्यादा लोगों तक होगी। लेकिन इसके बावजूद मैं नहीं चाहता कि लोग हमारी फिल्म ‘दासदेव’ को राजनीतिक ड्रामा समझने की भूल करें, क्योंकि इस रोमांटिक फिल्म में राजनीति महज एक द्वंद्व के रूप में है। यह फिल्म शरतचंद्र चटर्जी के मशहूर बांग्ला उपन्यास ‘देवदास’ की कहानी के विपरीत विषय पर आधारित है।’ सुधीर की बातों से देवदास की भूमिका निभा रहे राहुल भट्ट के साथ फिल्म में अहम भूमिकाओं में नजर आने वाले सौरभ शुक्ला और विनीत कुमार सिंह भी सहमत नजर आए। बता दें कि स्टॉर्म मोशन पिक्चर्स और सप्तिशिसिने विजन प्रोडक्शन के बैनर के तहत बनी ‘दासदेव’ में अनिल जॉर्ज, दीपराज राणा, सौरभ त्यागी के साथ अदिति राव हैदरी, दलीप ताहिल के साथ अनुराग कश्यप भी अतिथि भूमिका में नजर आएंगे।