अपने बलबूते और मेहनत के चलते बॉलीवुड में एक खास मुकाम हासिल करने वाली ऋचा चड्ढा का कहना है कि फिल्म सरबजीत में काम करने का बहुत पछतावा है और इस फिल्म को लेकर मेरा मिसयूज किया गया है। उन्होंने कहा, 'मुझे इस फिल्म को चुनने का पछतावा है। फिल्म गोलियों की रासलीला रामलीला में काम करना अच्छा अनुभव रहा। फिल्म में मेरा रोल महत्वपूर्ण था। फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में 24 साल की उम्र में मां का किरदार निभाना रिस्की था।
ऋचा ने एक इंटरव्यू में कहा कि जब किसी डायरेक्टर को 100 करोड़ की कमाई करनी होती है तब वो दीपिका पादुकोण जैसी अभिनेत्रियों को चुनता है। मेरे हिसाब से फिल्म की बेहतरी के लिए ये जरूरी भी है। मैंने कभी पैसे के लिए काम करने के बारे में नहीं सोचा। मैं हमेशा अपने हर एक प्रोजेक्ट पर अपने अभिनय की छाप छोड़ना चाहती हूं जिसका प्रभाव लंबे वक्त तक रहे।
ऋचा फिल्म मसान को अपने दिल के सबसे करीब मानती हैं।
ऋचा ने कहा, 'मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे इस फिल्म में काम करने का मौका मिला, साल 2012 में मैंने अपना करियर शुरू किया था और साल 2015 में मेरी फिल्म को कान्स फिल्म फेस्टिवल में 2 अवॉर्ड मिल रहे थे। मेरी कोशिश रहती है कि मैं एक एक्टर के रूप में कहानी में प्रभाव डाल पाऊं। हम सभी को एक स्क्रिप्ट मिलती है जिसके हिसाब से हमें परफॉर्म करना होता है। फर्क इस बात का पड़ता है कि हमने किस तरह से और कितने एफर्ट के साथ इस अवसर का लाभ उठाया।'