सांड की आँख का असल निशाना है कोख में बेटियों का कत्ल रोकना

अनुराग कश्यप की आने वाली फिल्म सांड की आँख की शूटिंग पूरी हो गई है। फिल्म की कहानी बागपत शहर की रहने वाली शूटर दादी चंद्रो और प्रकाशी तोमर पर है। पर अब जानकारी मिली है कि इसमें एक महत्त्वपूर्ण सामाजिक संदेश भी दिया जाएगा। फिल्म में बागपत में दो दशक पहले के माहौल में फैली कन्या भ्रूण हत्या की बुराई पर जोरदार प्रहार किया जाएगा। तापसी ने ट्विटर पर अपनी और भूमि की एक तस्वीर को शेयर करते हुए उसके कैप्शन में लिखा, ‘और इस तरह से पर्दा गिरता है। जब भी मैं ‘सांड की आंख’ के बारे में सोचूंगी तो मेरे दिमाग में एक ही शब्द आएगा और वह होगा ‘विश्वास।’ गुडबाय कहने की मेरी आदत नहीं है.. इसलिए पैकअप के बाद इस ‘परिवार’ के लिए मेरे दिल के एक टुकड़े को हमेशा के लिए छोडक़र जाऊंगी।’ बाद में, वह एक दूसरे तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखती हैं, प्रकाशी तोमर मेरे अंदर हमेशा रहेंगी।

तुषार हीरानंदानी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में भूमि, चंद्रो के किरदार को निभा रही हैं। भूमि ने भी तापसी और तुषार संग एक तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, कभी-कभी अलविदा कहना काफी मुश्किल होता है।

उत्तर प्रदेश के जौहरी जिले की रहने वाली चंद्रो (87) और प्रकाशी (82) ने पचास साल की उम्र में शार्पशूटिंग करने की शुरुआत की। दुनिया की सबसे वयस्क शार्पशूटर्स में से एक चंद्रो को लोग शूटर ‘दादी’ कहकर भी बुलाते हैं। लेखक तुषार हीरानंदानी द रिलायन्स एंटरटेनमेन्ट फिल्म की इस मूवी से निर्देशक के क्षेत्र में अपनी पारी की शुरुआत कर रहे हैं। फिल्म के निर्माता अनुराग कश्यप और निधि परमार हैं। ‘सांड की आंख’ में प्रकाश झा और विक्की काडियन भी अहम किरदारों में नजर आएंगे।