बॉलीवुड के ख्यातनाम अभिनेता और निर्देशक अमोल पालेकर (Amol Palekar) को केन्द्र सरकार की आलोचना करने के कारण अपनी स्पीच को आधे में छोडऩा पड़ा। उन्हें कार्यक्रम के आयोजकों ने उनकी स्पीच नहीं पढऩे दी। यह हादसा अमोल पालेकर (Amol Palekar) के साथ मुम्बई में नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एनजीएमए) में हुई। पालेकर शुक्रवार को कलाकार प्रभाकर बर्वे की स्मृति में आयोजित एक प्रदर्शन के उद्घाटन के दौरान वहाँ उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। दिग्गज अभिनेता-निर्देशक अमोल पालेकर (Amol Palekar) के भाषण को उस समय बीच में रोक दिया गया, जब उन्होंने सरकार की आलोचना की।
पालेकर ने अपने भाषण में उन नीतिगत बदलावों पर चिंता जाहिर की, जिससे मुंबई और बेंगलुरू में एनजीएमए में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों की सामग्री और विषय तय करने का एकमात्र अधिकार केंद्र के संस्कृति मंत्रालय को मिल जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मुंबई और बेंगलुरू दोनों क्षेत्रीय केंद्रों में काम करने वाली कलाकारों की सलाहकार समितियों को समाप्त कर दिया गया है, जैसा कि मुझे पता चला है। मैं आधिकारिक तौर पर विवरण जुटा रहा हूं, ताकि इस घटना को सत्यापित कर सकूं।’
कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा रोके जाने से पहले उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2017 में, हम कोलकाता और पूर्वोत्तर में एनजीएमए की शाखाएं खोलने की योजना के बारे में सुनकर खुश थे। मुंबई के इस स्थल के विस्तार की खबर भी दिल को छू लेने वाली थी। हालांकि, 13 नवंबर, 2018 को, एक एक दूसरा विनाशकारी निर्णय स्पष्ट रूप से लिया गया, जिसका नाम ऑल फ्यूचर एक्जिीबिशन्स ऑफ आर्टवर्क्स था।’
इसके बाद, पालेकर ने कहा कि उन्हें याद है कि किस तरह लेखिका नयनतारा सहगल को दिया गया एक मराठी साहित्यिक कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण वापस ले लिया गया था, क्योंकि उनका भाषण हमारे चारों ओर मौजूद हालत की थोड़ी आलोचना करने वाला था। पालेकर को रोके जाने पर उन्होंने कहा, क्या हम यहां भी वही स्थिति पैदा कर रहे हैं। पालेकर अपना तैयार किया हुआ पूरा भाषण नहीं दे सके।