‘कबीर सिंह’ की कितनी ही आलोचना करो, लेकिन शाहिद की तारीफ तो करनी पड़ेगी

'कबीर सिंह (Kabir Singh)' वर्ष 2019 की सलमान खान की फिल्म ‘भारत’ के बाद दूसरी सबसे बड़ी फिल्म बनकर आई है। इस फिल्म ने जिस तरीके से बॉक्स ऑफिस पर सफलता प्राप्त की है वह आश्चर्यजनक है। सिने दर्शक कब किस फिल्म को कहाँ पहुँचा दे कुछ नहीं कहा जा सकता। यही ‘कबीर सिंह’ के साथ हुआ है। किसी ने नहीं सोचा था कि यह फिल्म बड़ी ओपनिंग के साथ सिर्फ 5 दिन में 100 करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने में सफल होगी। बिना किसी खास छुट्टी के भी ‘कबीर सिंह’ ने एक ऐसा रिकॉर्ड कायम किया है जो इसे शाहिद के करिअर की सबसे बड़ी फिल्म बनाता है। ‘कबीर सिंह’ को लेकर शाहिद कपूर और किआरा आडवाणी ने काफी मेहनत की है। कबीर सिंह को बहुत से नकारात्मक रिव्यू मिले हैं, पर इसके बावजूद हर कोई जिसकी तारीफ कर रहा है वो है शाहिद कपूर का अभिनय। शाहिद कपूर बॉलीवुड के प्रतिभाशाली अभिनेता हैं और इसमें कोई शक नहीं कि वो एक चॉकलेटी हीरो भी बन सकते हैं और एक सीरियस ड्रग एडिक्ट (उड़ता पंजाब और कबीर सिंह) भी।

फिल्म कबीर सिंह (Kabir Singh) में शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) ने जो रोल निभाया है वो एक ऐसे सनकी आशिक का है जो खतरनाक है, जिसका गुस्सा उसे कुछ भी बना सकता है, जिसे ये भी नहीं पता कि अगले पल वो ड्रग्स के नशे में क्या कर दे। फिल्म के किरदार को लेकर वाकई ये कहा जा सकता है कि वो बहुत ही बेकार कैरेक्टर है, समाज के लिए खतरा है, उससे लोग गलत मैसेज ले सकते हैं, कोई किसी के लिए सही नहीं है, फिल्म में महिलाओं को बहुत बुरा बनाया गया है। महिलाओं की कोई पहचान नहीं है इस फिल्म में और ये सारी बातें सही भी हैं। इतना सब कुछ होते हुए भी इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि शाहिद कपूर ने अपने करिअर का बेहतरीन काम किया है।

बॉलीवुड की कहानियों में हीरो की जरूरत होती है। ‘कबीर सिंह’ का हीरो, हीरो नहीं बल्कि खलनायक है। यह वो विलेन है जिसे देखने के लिए लोग उतावले हो रहे हैं (ठीक उसी तरह से जिस तरह से अपने शुरूआती दौर में शाहरुख खान ‘बाजीगर’, ‘डर’, ‘अंजाम’ में नजर आए थे) और कबीर सिंह का बिजनेस कम नहीं हो रहा। कबीर सिंह को लेकर शाहिद कपूर की तारीफ करना लाजमी है। शाहिद वो अभिनेता हैं जिन्हें ‘जब वी मेट’ के आदित्य कश्यप की तरह चॉकलेटी हीरो, ‘हैदर’ का आतंकवादी, ‘उड़ता पंजाब’ और ‘कबीर सिंह’ का ड्रग एडिक्ट भी बनाया जा सकता है। शाहिद उन लोगों में से हैं जो अपनी छवि को लेकर कोई भी प्रयोग कर सकते हैं। शाहिद को हीरो की जगह एक अभिनेता के रूप में देखें तो शायद बेहतर होगा, क्योंकि कोई हीरो किसी सीन में हीरोइन को इस तरह से थप्पड़ नहीं मारेगा। कोई हीरो किसी सीन में लडक़ी को चाकू दिखाकर उसे कपड़े उतारने को नहीं कहेगा। कोई हीरो किसी सीन में सबके सामने अपनी पैंट में बर्फ नहीं डालेगा, लेकिन शाहिद ने ये सब किया।

इन दृश्यों को देखने के बाद विचार कीजिए कि कितने सुपर स्टार हीरो इस तरह के दृश्य कर पाएंगे। करिअर की शुरुआत से लेकर अंत तक शाहिद ने अनेकों ऐसे रोल किए हैं जिसमें उनकी एक्टिंग में पागलपन दिखा है और यही पागलपन शायद उन्हें कबीर सिंह के इंटेंस परफॉर्मेंस तक पहुंचा पाया है। ‘कबीर सिंह’ में शाहिद को हीरो के तौर पर देख रहे हैं तो आप निराश होंगे। कबीर सिंह हीरो नहीं है, कबीर सिंह एक आम सनकी है, शाहिद ने इस रोल के साथ पूरी सच्चाई से काम किया है। इसलिए फिल्म की चाहे जितनी भी बुराई करें लेकिन शाहिद कपूर की तो तारीफ करनी ही पड़ेगी।