#Metoo पर राधिका आप्टे ने जाहिर की नाराजगी, कहा - बहुत सी चीजें बाहर नहीं आईं

'मी टू (Me Too)' आंदोलन पर बॉलीवुड अभिनेत्री राधिका आप्टे (Radhika Apte) का मानना है कि यह आंदोलन आया और चला गया लेकिन बॉलीवुड फिल्म उद्योग में ज्यादा कुछ नहीं बदला। दरअसल, 'मी टू' आंदोलन ने पिछले साल भारत में जोर पकड़ा था और कई महिलाओं ने अभिनेताओं, फिल्मकारों, लेखकों और पत्रकारों पर आरोप लगाए थे।

आप्टे ने टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकनोमिक कन्क्लेव में कहा कि मीटू आंदोलन आया और चला गया। यह निराशाजनक है। बहुत सी चीजें जो बदलनी चाहिए थीं वह नहीं बदलीं। बहुत सी चीजें बाहर नहीं आईं न ही बदलीं। यह वास्तव में निराशाजनक है।

एक्ट्रेस ने वेतन में भेदभाव को लेकर भी अपनी राय रखी, आप्टे ने कहा वेतन में बिलकुल भी समानता नहीं है। हम वेतन में समानता के बारे में बात नहीं करते। हमें वेतन में समानता के लिए इस तरह बात नहीं करने की जरूरत नहीं है कि ‘ए’ स्तर की अभिनेत्री को किसी ‘ए’ स्तर के अभिनेता से अधिक वेतन मिलना चाहिए।

एक्ट्रेस ने कहा मोटे तौर पर कहा जाए तो यदि कोई ‘ए’ स्तर का अभिनेता आपको सीधे-सीधे तीन करोड़ रुपए का फायदा करा रहा है तो उसे अधिक वेतन मिलना चाहिए। लेकिन ए स्तर के अभिनेताओं के अलावा कास्ट और क्रू में अन्य लोग भी काम करते हैं। वहां वेतन में समानता नहीं है। वहां समान वेतन न दिए जाने के पीछे कोई बहाना नहीं है। वे लोग बॉक्स ऑफिस को बिलकुल भी प्रभावित नहीं करते। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माण टीम में बहुत सी महिलाएं काम करती हैं और यह एक अच्छी बात है।

नागरिकता संशोधन कानून पर राधिका आप्टे ने कही ये बात

आपको बता दे, नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भी आप्टे (Radhika Aapte) ने अपनी राय पेश की है। राधिका आप्टे ने इंस्टाग्राम पर फोटो शेयर की है, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। इस फोटो के जरिए राधिका आप्टे (Radhika Aapte) ने बताया कि NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस) और CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून आपस में उसी तरह से जुड़े हैं, जैसे पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और अमित शाह (Amit Shah)। हालांकि राधिका आप्टे ने किसी और की पोस्ट की फोटो अपने एकाउंट पर पोस्ट की है।

CAA और NRC पर शेयर हुई राधिका आप्टे (Radhika Aapte) की इस फोटो में लिखा कि अगर आपको लगता है कि यह प्रदर्शन केवल नागरिकता संशोधन कानून के लिए है तो यहां कई चीजें हैं, जो आप छोड़ रहे हैं। भारत सरकार द्वारा लाए नागरिकता संशोधन कानून में है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए किसी भी मुस्लिम रिफ्यूजी को भारत में नागरिकता नहीं दी जाएगी। इसमें यह समस्या है कि कौन सा राष्ट्र रिफ्यूजी को नागरिकता देने से पहले उसका धर्म देखता है? छोड़ो इसे, आगे क्या होगा वह देखते हैं। इसके बाद मोदी सरकार एनआरसी लेकर आएगी, जो भारतीय नागरिकों की आखिरी लिस्ट होगी। इसे साबित करने के लिए एक तारीख तय की जाएगी, जिसमें आपको यह साबित करना होगा कि आप यहां उस तारीख से पहले से रह रहे हैं।

राधिका आप्टे (Radhika Aapte) ने अपनी पोस्ट के जरिए आगे बताया कि आपको अपने दस्तावेज लाने के लिए कहा जाएगा। आप जानते हैं कि इससे सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव किसपर पड़ेगा? गरीबों और पिछड़ों पर, जो अपने साथ ये दस्तावेज नहीं रखते। जब आप सबूत देने में असमर्थ होंगे, तो आपको बिना दस्तावेज के आए शरणार्थी कहा जाएगा। लेकिन अगर आप हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई हैं तो आपको शरणार्थी की तरह रहने दिया जाएगा। लेकिन अगर आप मुस्लिम हैं तो आपकी नागरिकता छीन ली जाएगी।

असम में सरकार ने यह किया और पाया कि 19 लाख लोग ऐसे हैं, जिनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं है। इनमें से सात लाख मुस्लिम हैं। इस कानून के साथ सरकार आसानी से आपकी नागरिकता छीन लेगी। और जानते हो क्या? सरकार ने इन गैर कानूनी नागरिकों के लिए नजरबंद कैंप (Detention Camps) का निर्माण करना भी शुरू कर दिया है।