2रे दिन दर्शकों के लिए तरसती नजर आई ‘पीएम नरेन्द्र मोदी’ बॉयोपिक

गत शुक्रवार को प्रदर्शित हुई पीएम नरेन्द्र मोदी बॉयोपिक को पहले दिन जरूर कुछ संख्या में दर्शक मिले लेकिन दूसरे दिन इस फिल्म को प्रदर्शित करने वाले सिनेमाघरों को दर्शकों का टोटा झेलना पड़ रहा है। शनिवार को मैटनी शो में बहुत कम संख्या में दर्शक इस फिल्म को देखने के लिए पहुँचे। जिन दर्शकों ने इस फिल्म को देखा है उन्होंने इसकी जमकर आलोचना की है। दर्शकों का कहना है कि यह निर्माता निर्देशक की अंधभक्ति का ज्वलंत नमूना है।

दर्शकों का कहना है कि जिस तरीके से नरेन्द्र मोदी की जिन्दगी को दिखाया गया है उससे प्रतीत होता है कि निर्देशक की नजर में नरेन्द्र मोदी महान संत हैं जिन्होंने देश की भलाई के लिए ही हमेशा काम किया है। हद तो तब हो जाती है जब परदे पर नरेन्द्र मोदी को आर्मी वालों के साथ मिलकर आतंकवादियों का सफाया करते हुए दिखाया जाता है और फिर उन्हें ऊँची चोटी पर राष्ट्रध्वज फहराते दिखाया जाता है।

ओलचना के तौर पर फिल्म में एक भी दृश्य नहीं है। ऐसे में दर्शक इस फिल्म का जमकर विरोध कर रहे हैं। खराब माउथ पब्लिसिटी के चलते ही दूसरे दिन के शोज में पीएम नरेन्द्र मोदी को दर्शकों का अभाव झेलना पड़ा है।