‘अर्थ’ के रीमेक में जैकलीन फर्नांडिस, आश्चर्य है, बॉलीवुड में नायिकाओं की कमी!

बॉलीवुड के गलियारों में इस वक्त महेश भट्ट की कालजयी फिल्म ‘अर्थ (Arth Remake)’ के रीमेक की बात हो रही है। कहा जा रहा है कि इस फिल्म के रीमेक में स्मिता पाटिल (Smita Patil) वाली भूमिका को जैकलीन फर्नांडिस (Jacqueline Fernandez) अभिनीत करेंगी। निर्माताओं ने इस भूमिका का उनको प्रस्ताव दिया था। मुंबई मिरर ने यह खबर दी है। बहुत अफसोस की बात है कि यह भूमिका उस अभिनेत्री को दी जा रही है जिसने अपने बलबूते पर कभी किसी फिल्म को सफलता नहीं दिलाई है। दर्शकों में जिसकी अभी तक कोई विशेष पहचान नहीं है। और सबसे बड़ी बात जिसे अभी तक यह नहीं मालूम की अभिनय क्या होता है और इसे व्यक्त कैसे किया जाता है। अर्थ में स्मिता पाटिल ने जो काम किया है वह बिरले की कोई नायिका कर सकती है। 1982 में आयी क्लासिक फिल्म अर्थ को डायरेक्टर महेश भट्ट ने बनाया था।

गौरतलब है कि 2017 में शरत चंद्र ने फिल्म अर्थ के रीमेक का ऐलान किया था और बताया था कि इसमें साउथ एक्ट्रेस रेवती एक मुख्य किरदार निभा रही हैं। रेवती ने फिल्म ‘अर्थ’ के तमिल रीमेक में भी काम किया था, जिसे निर्देशक बालू महेंद्र ने बनाया था। रेवती ने तमिल रीमेक में एक ऐसी महिला का किरदार निभाया था, जिसका पति उसे छोड़ देता है। यह रोल 1982 में आयी अर्थ में शबाना आजमी ने निभाया था। शबाना को इस फिल्म में अपने अभिनय के लिए नेशनल अवार्ड और बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था।

एक सूत्र के मुताबिक, रेवती इस फिल्म की स्क्रिप्ट पर काफी समय से काम कर रही हैं और फिल्म में स्टार्स की कास्टिंग से पहले से ही तैयारी में लगी हुई हैं। सूत्र ने आगे बताया, ‘इसके साथ ही फिल्म के मेकर्स ने अब जैकलीन को हाल ही में फिल्म का ऑफर दिया है और उन्हें फिल्म का कांसेप्ट और रोल दोनों पसंद आयी हैं। जैकलीन अर्थ जैसी आइकॉनिक फिल्म का हिस्सा बनने के लिए बेहद उत्साहित हैं और उन्होंने इस फिल्म के लिए अपनी सहमति भी दे दी है। हालांकि जैकलीन का अपनी फिल्म को साइन करना बाकी है।’

बता दें कि 1982 में आयी फिल्म अर्थ की कहानी पूजा (शबाना आजमी) नाम की एक महिला की कहानी थी, जिसे अपने पति इन्दर (कुलभूषण खरबंदा) के कविता (स्मिता पाटिल) नाम की किसी दूसरी औरत के प्यार में पडऩे के बारे में पता चलता है। यह फिल्म अपने समय से काफी आगे की थी, क्योंकि इसमें दिखाया गया था कि एक महिला को सुरक्षित और पूरा महसूस करने के लिए किसी पुरुष की जरूरत नहीं होती है।