फरदीन खान के साथ अपना बॉलीवुड डेब्यू करने वाले अभिनेत्री सेलीना जेटली (Celina Jaitley) एक बार फिर से फिल्मों में वापसी कर रही हैं। हाल ही में उन्होंनें पत्रकार लेखक राम कमल मुखर्जी के निर्देशन में शॉर्ट फिल्म ‘सीजंस ग्रीटिंग’ में काम किया है। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की, जिसमें उन्होंने कहा, मैं जब 16 साल की थी, तब से काम कर रही हूं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि मुझे अंतरंग दृश्य पर्यवेक्षक का सान्निध्य मिला, जो कि काफी रोमांचक था। राम कमल मुखर्जी ने अपनी फिल्म के अन्तरंग दृश्यों को इंटीमेसी सुपरवाइजर की निगरानी में फिल्माया है। यह बॉलीवुड की पहली ऐसी फिल्म बन गई है जिसमें इस तरह के दृश्यों के लिए एक अलग से व्यक्ति को नियुक्त किया गया, जो अभिनेता, अभिनेत्री और निर्देशक तीनों पर नजर रखेगा।
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्हें अपने डेब्यू निर्देशक फिरोज खान की बहुत याद आई, जिन्हें आमतौर पर ‘महिलाओं के पुरुष’ के तौर पर जाना जाता था। उन्होंने ही सेलिना का सुनहरे पर्दे से सम्मानपूर्वक परिचय कराया था। सेलिना के अनुसार, कई महिलाओं का पुरुष बनने में और एक कामुक व्यक्ति में बहुत बड़ा फर्क होता है। एफके एक सज्जन व्यक्ति थे, जिनकी जिंदगी में महिलाएं अपनी मर्जी से आती थीं और उन पर फिदा हो जाती थीं।
उन्होंने कहा, ‘वह केवल पुरुषों में ही नहीं, बल्कि महिलाओं की तुलना में भी एक बेहतर इंसान थे। अगर उन्हें सेट पर यौन दुव्र्यवहार की जानकारी मिलती तो वह आरोपी को शूट कर देते। मैं खुशनसीब थी कि मुझे उनका नेतृत्व प्राप्त हुआ और इस बात की खुशी मुझे हमेशा रहेगी।’
सेलिना ने यह सलाह दी कि कार्यस्थल के माहौल में सुधार करने तथा यौन हिंसा के खात्मे के लिए वहां उदार नीति लागू करने की जरूरत है। सिनेमा जगत के सलाहकारों को ऐसे लोगों की नियुक्ति करनी चाहिए, जो सेट के सारे सदस्यों को हर तरह की व्यावहारिक शिक्षा में पारंगत करें। यौन हिंसा जैसी समस्याओं की जड़ें काफी गहरी हैं, ऐसे में महिला और पुरुष दोनों को आपसी सहयोग से इसे रोकने की पहल करनी चाहिए। हालांकि इसमें जागरूकता और पारदर्शिता के माध्यम से ही कमी आएगी।