दर्शकों की सोच में बदलाव लाने में कामयाब होगी ‘ये सुहागरात इम्पॉसिबल’

हाल ही के वर्षों में फिल्मों में विषय सबसे प्रमुख हो गया है। सितारे गौण हो गए हैं और निर्देशक खोमाश हो गए हैं। कंटेंट आधारित फिल्मों की सफलता में सबसे बड़ा योगदान दर्शकों का है जो आम फार्मूला फिल्मों से इतर बनी फिल्मों पर अपना पैसा खर्च कर रहा है। तब वह यह नहीं देखता कि इसका निर्देशक कौन है। इस बात का जीता जागता और सबसे कामयाब उदारहण गत 11 जनवरी को प्रदर्शित हुई फिल्म ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ रही है जिसका लेखन निर्देशन आदित्य धर का है, जो उनकी पहली फिल्म है। ऐसा ही कुछ प्रयास इन दिनों निर्देशक अभिनव ठाकुर (Abhinav Thakur) करने जा रहे हैं जिन्होंने ‘ये सुहागरात इम्पॉसिबल (Yeh Suhaag Raat Impossible)’ नामक फिल्म बनाई है।

इन दिनों अपनी फिल्म को प्रदर्शित करने की तैयारी में लगे अभिनव ठाकुर मीडिया से भी बराबर टच में हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी फिल्म को लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, उनकी आगामी फिल्म ‘ये सुहागरात इम्पॉसिबल’ को देखने के बाद दर्शकों की सोच में बदलाव आएगा। ‘ये सुहागरात इम्पॉसिबल’ के बारे में बात करते हुए ठाकुर ने कहा, वास्तव में इस फिल्म की कहानी उत्तर प्रदेश और बिहार की पृष्ठभूमि पर आधारित है। आजकल, जोड़े जल्दी में शादी कर लेते हैं और उनके माता-पिता भी उनके निर्णय का समर्थन करते हैं लेकिन उनमें से कुछ खुशहाल विवाहित जीवन जीते हैं और कुछ नहीं।

उन्होंने कहा, इस फिल्म के माध्यम से मैं केवल यह बताने का प्रयास कर रहा हूं कि लोगों को जल्दबाजी में शादी नहीं करनी चाहिए। ज्यादातर लोग शादी कर लेते हैं लेकिन शादी की पहली रात उन्हें एक-दूसरे के बारे में कुछ अज्ञात बातें पता चलती हैं, जिससे जोड़े के बीच टकराव और संघर्ष होता है, इसलिए मेरी फिल्म मूल रूप से एक मनोरंजक व्यंग्यपूर्ण हास्य फिल्म है। मुझे लगता है कि इस फिल्म को देखने के बाद निश्चित रूप से दर्शकों का विचार बदल जाएगा। एक कहावत है कि ‘गलत शादी करने के बजाए लंबा इंतजार करना बेहतर होता है’ और यही हमने इस फिल्म में दिखाया है। मुझे उम्मीद है कि इस फिल्म को देखने के बाद लोग शादी करने से पहले दो बार सोचेंगे।