अपनी फिल्म ‘दंगल (Dangal)’ के प्रदर्शन के वक्त से आमिर खान 9Aamir Khan) अपने अगले प्रोजेक्ट ‘महाभारत (Mahabharat)’ को लेकर खासी चर्चाओं में रहे हैं। कहा जा रहा था कि आमिर खान ‘महाभारत (Mahabharat)’ को निर्देशक एस.एस. राजामौली की फिल्म ‘बाहुबली’ से भी भव्य स्तर पर बनाने की तैयारियों में जुटे हुए हैं। आमिर खान की ‘महाभारत’ को लेकर पिछले वर्ष समाचार आ रहे थे कि इस प्रोजेक्ट के लिए भारत के टाइकून मुकेश अंबानी 1000 करोड़ की राशि नियोजित करने जा रहे थे। अब जो समाचार आ रहे हैं उनके अनुसार आमिर खान ने अपनी बरसों की मुराद और करिअर के सबसे महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्टों में से एक ‘महाभारत’ को बनाने का विचार फिलहाल त्याग दिया है।
इस प्रोजेक्ट के प्री-प्रोडक्शन से जुड़े लोगों ने इस बात की पुष्टि की है कि आमिर ने महाभारत (Mahabharat) अबैन्डन कर दी है। कई सारे कारणों को देखते हुए इसको रद्द करने का निर्णय लिया गया है। फिल्म निर्माण को बंद करने के बारे में आमिर खान ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। आमिर खान का अब अगला प्रोजेक्ट क्या होगा यह भी अभी तक साफ नहीं हो पाया है। वैसे इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि आमिर खान (Aaamir Khan) का अगला प्रोजेक्ट टॉम हैंक्स वाली ‘फॉरेस्ट गंप’ होगी, जिसके अधिकार उन्होंने पिछले वर्ष खरीदे हैं।
सबसे बड़ी मुश्किल सितारे और उनकी तारीखेंआमिर खान (Aamir Khan) का महाभारत (Mahabharat) को रद्द करने को लेकर कई कारण रहे हैं। इस फिल्म के लिए सितारों की प्रक्रिया उनके सामने सबसे बड़ी समस्या बनकर आई। फिल्म के किरदारों के अनुरूप टीम को लार्जर दैन लाइफ चेहरे नहीं मिल रहे थे। महाभारत के सारे किरदार लार्जर दैन लाइफ हैं। ऐसे में नामी कलाकार ही लिए जाने का दबाव था। आमिर को अगले 7-8 साल के लिए सितारों की तारीखें चाहिए थीं। यह सम्भव नहीं हो पा रहा था। इतने सालों तक सितारे डेट्स ब्लॉक करने में असमर्थ थे। इसके अतिरिक्त जिन सितारों को आमिर खान ‘महाभारत’ के लिए लेना चाहते थे उनके पास अभी कई फिल्में हैं। उन फिल्मों के किरदार से निकलकर महाभारत वाले किरदार में घुसना बहुत मुश्किल था।
बजट भी बना रुकावट, मोटी फीस और फाइनेंसर्स का डरइस योजना को रद्द करने में बजट ने भी अपनी अहम् भूमिका निभाई है। अगले 5-7 सालों के लिए अलग-अलग महीनों की तारीखें एडवांस में ब्लॉक करने के लिए सितारों को कई गुना ज्यादा फीस देनी पड़ती। फिल्म को जो फाइनेंसर्स फाइनेंस कर रहे थे उनका विश्वास भी हिला हुआ था। इसकी वजह यह रही कि पिछले वर्ष बॉक्स ऑफिस पर बड़े बजट की फिल्मों को दर्शकों ने ठुकरा दिया था। इनमें आमिर खान की ठग्स ऑफ हिंदोस्तान भी शामिल थी, जिस पर 150 करोड़ से ज्यादा का खर्च किया गया था लेकिन फिल्म का लाइफ टाइम कारोबार ही 150 करोड़ आया था। फिल्म का बजट बहुत भारी भरकम था। आमिर खान को डर था कि क्या इतनी बड़ी रकम रिकवर भी हो पाएगी या नहीं। इससे पहले बीते साल उनकी बिग बजट फिल्म असफल हो गई थी।
आमिर का करिअर दांव पर थाआमिर खान (Aamir Khan) को इस बात का शिद्दत से अहसास था कि यदि वे इस प्रोजेक्ट से जुड़ जाते हैं तो अगले 5 साल तक कोई और फिल्म नहीं कर पाते। इससे उनके करिअर के साथ-साथ उनकी मार्केट वैल्यू पर भी गहरा असर पड़ता। फिल्म पर 10 साल तक काम होना था। इसको 5 भागों में बनाया जाना तय था। फिल्म का प्रस्तावित बजट ही 1000 करोड़ रुपये था।
तैयारी थी जबरदस्त, फिर भी पीछे हटेपिछले कई महीनों से इस प्रोजेक्ट के रिसर्च और कॉस्टयूम वगैरह से लेकर अन्य कामों पर काम जारी था। आमिर स्वयं इसके प्री प्रोडक्शन पर लगातार निगाह रख रहे थे। फिल्म के लेखन के लिए अंजुम रजाबी और डॉक्टर चन्द्रप्रकाश द्विवेदी को बोर्ड पर लाया गया था। इस फिल्म को बेहतरीन बनाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय लेखकों से भी सहयोग लिया जा रहा था।
आमिर ने छोड़ी थी सैल्यूट/सारे जहाँ से अच्छाआमिर खान (Aamir Khan) की ‘दंगल’ के बाद सिद्धार्थ राय कपूर द्वारा निर्मित फिल्म ‘सैल्यूट’ अगला प्रोजेक्ट था। इसके लिए उन्होंने तैयारी भी शुरू की थी लेकिन फिर ‘महाभारत’ की योजना बनते ही उन्होंने इस फिल्म से स्वयं को हटा लिया था। आमिर खान के इस प्रोजेक्ट से हटने के बाद शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) को इसके लिए लिया गया था। फिल्म के नाम में भी बदलाव किया गया था। उसे ‘सैल्यूट’ से बदलकर ‘सारे जहाँ से अच्छा’ कर दिया था।
तैयारी से हुआ करोड़ों का नुकसानआमिर खान (Aamir Khan) की इस फिल्म की तैयारियाँ पिछले दो वर्षों से जारी थी। इस फिल्म के रिसर्च और कास्ट्यूम के साथ ही अन्य प्री प्रोडक्शन पर आमिर खान (Aamir Khan) करोड़ों रुपया लगा चुके थे। ऐसे में उनके काफी सोच विचार के बाद लिए गए बंद करने के निर्णय से उनको करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ है। अब इस नुकसान की रिकवरी आमिर किस तरह से करते हैं यही देखने वाली बात है। सम्भावनाएँ व्यक्त की जा रही है कि अब वे एक-दो वर्ष में फिल्म करने के निर्णय को बदलते हुए अन्य सितारों की तरह वर्ष में कम से कम दो फिल्में करेंगे या फिर उन फिल्मों का हिस्सा बनेंगे जिनका कंटेंट वजनदार होगा परन्तु लागत कम होगी। इन फिल्मों की सफलता से उनका प्रॉफिट शेयरिंग बढ़ेगा, जिससे वे नुकसान की कमी को पूरा कर सकते हैं।