#MeToo: विकास बहल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली युवती नहीं पहुंची कोर्ट, कहा- कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चाहती

क्वीन जैसी फिल्मों के डायरेक्टर विकास बहल पर लगे सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप में नया मोड़ आ गया है। बॉलीवुड फिल्ममेकर विकास बहल के अपने पूर्व पार्टनर्स अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवानी औऱ मधु मंटेना पर लगाए मानहानि मामले में शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। बहल ने उन पर छवि खराब करने की एवज में 10 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन पीड़िता कोर्ट में पेश नहीं हुई। पीड़िता के वकील नवरोज सीरवई ने इस दौरान कोर्ट में कहा कि वह न विकास के खिलाफ केस करना चाहती है और न ही किसी तरह की कानूनी कार्रवाई चाहती है। वकील ने यह भी कहा कि पीड़िता अपनी बात पर अडिग है। वह बहुत कुछ सह चुकी है और तीन साल बाद भी विकास बहल की वजह से परेशान है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ये पूरा मूवमेंट महिलाओं के आगे आकर आपबीती बताने से जुड़ा है। किसी को भी उन्हें इस्तेमाल करने का हक नहीं होना चाहिए।

कोर्ट ने कहा- #MeToo का दुरुपयोग न करें

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा-#Metoo सेक्सुअल हैरेसमेंट झेल चुकीं महिलाओं के लिए है कि वे आएं और अपनी बात रखें। इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। चीफ जस्टिस एस. जे. काठावला ने कहा-अगर कोई महिला केस दर्ज नहीं कराना चाहती तो किसी और को इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए। किसी को उसका फायदा नहीं उठाना चाहिए। किसी को भी उसके कंधे पर बंदूक रखकर गोली नहीं चलानी चाहिए। यह मूवमेंट उनके लिए नहीं है, सिर्फ विक्टिम्स के लिए है कि वे आगे आएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं के लिए एक गाइडलाइन होनी चाहिए। नहीं तो इसका दुरुपयोग होता रहेगा और पता नहीं कहां इसका अंत होगा। कोर्ट ने तीनों पार्टीज (विकास, अनुराग और विक्रमादित्य) को कहा है कि वे इस मामले को कोर्ट के बाहर ही निपटा लें।

विकास बहल ने ये दावा किया था कि उनसे अपनी प्रोफेशनल दुश्मनी निकालने के लिए अनुराग कश्यप और अन्य लोगों ने मिलकर पीड़िता को बहलाने-फुसलाने की कोशिश की है। पूरी सुनवाई के बाद अब कोर्ट ने महिला को 23 अक्टूबर तक एक दस्तावेज सौंपने को कहा है, जिसमें उनके हस्ताक्षर सहित यह लिखा हो कि वह ये मामला आगे नहीं बढ़ाना चाहती हैं।

क्या है मामला और क्यों किया विकास ने मानहानि का केस

#MeToo कैंपेन के तहत फैंटम फिल्म्स (प्रोडक्शन हाउस, जो अब टूट चुका है) की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने विकास बहल पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया था। महिला का कहना था कि 2015 में फिल्म बॉम्बे वेलवेट के प्रमोशनल टूर के दौरान गोवा में विकास ने उसका सेक्सुअल हैरेसमेंट किया था। उस वक्त विकास नशे की हालत में थे। इस पर अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य ने महिला का सपोर्ट किया और आरोपों को सही बताया। अनुराग ने दो पेज का स्टेटमेंट ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा था कि वे विकास बहल पर आरोप लगाने वाली महिला के सेक्सुअल हैरेसमेंट के बारे में जानते थे। अनुराग ने इसके लिए महिला से माफी भी मांगी थी।