‘कलंक’: 21 साल बाद नजर आई संजय-माधुरी दीक्षित की जोड़ी, 80 करोड़ की लागत, 150 करोड़ आवश्यक

करण जौहर (Karan Johar) की महत्त्वाकांक्षी फिल्म ‘कलंक (Kalank Teaser)’ का टीजर जारी हो गया है जिसने आते ही सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है। इस टीजर को जिस तरह से देखा और सराहा जा रहा है उससे ऐसा महसूस हो रहा है कि यह बॉक्स ऑफिस पर कमाल करेगी। अभिषेक बर्मन के निर्देशन में बनी ‘कलंक (Kalank)’ को 80 करोड़ के बजट में बनाया गया। इस लागत को निकालने के लिए फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर कम से कम 150 करोड़ का कारोबार करना होगा, तभी मुनाफा शुरू होगा। हालांकि आजकल फिल्मों की लागत अन्य प्रकार के अधिकारों को बेचकर आसानी से निकाल ली जाती है। सिनेमाघरों से आने वाला कारोबार पूरी तरह से मुनाफा होता है। ‘कलंक’ के जरिये 21 साल बाद संजय दत्त और माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) की जोड़ी परदे पर वापस आ रही है। उम्मीद की जा रही है कि यह जोड़ी भी बॉक्स ऑफिस पर वैसा ही कमाल करेगी जैसा अनिल कपूर (Anil Kapoor) के साथ माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) ने ‘टोटल धमाल (Total Dhamaal)’ में किया है।

आगामी माह की 17 तारीख को प्रदर्शित होने जा रही यह फिल्म एक पीरियड ड्रामा फिल्म है। कुछ दिन पूर्व ही फिल्म की कास्ट के लुक रिलीज किए गए थे जो दर्शकों को काफी पसंद आए थे। ये फिल्म एक परिवार की कहानी लेकर आ रही है। इससे जुड़ी हकीकत तब खुलनी शुरू होती है जब सांप्रदायिक दंगे भडक़ जाते हैं।

करण जौहर और साजिद नाडियाडवाला के बैनर तले आ रही इस फिल्म में वरुण धवन ने कई खतरनाक स्टंट किए हैं। इनकी शूटिंग के दौरान वरुण घायल भी हुए। आलिया और आदित्य रॉय कपूर पहली बार साथ काम कर रहे हैं। फिल्म को भव्य स्तर पर बनाया गया है। बड़े-बड़े आकर्षक सेट्स फिल्म को गरिमा प्रदान करते हैं और जारी होते ही इसने दर्शकों के मन में फिल्म को लेकर जबरदस्त जिज्ञासा पैदा कर दी है। जारी हुए टीजर में सिर्फ दो संवाद हैं और दोनों ही कमाल के हैं। टीजर की शुरूआत में वरुण धवन द्वारा बोला गया संवाद—कुछ रिश्ते कर्जों की तरह होते हैं जिन्हें निभाना नहीं चुकाना पड़ता है— वहीं टीजर के अंत में दूसरा संवाद आलिया भट्ट द्वारा बोला गया है—‘जब किसी और की बर्बादी अपनी जीत जैसे लगे, तो हमसे ज्यादा बर्बाद और कोई नहीं होगा’ फिल्म में दिखाए गए रिश्तों को गहराई से बयां करता है। ‘कलंक’ का टीजर फिल्म के कथानक को भी प्रकट करता है जो मान-सम्मान, रूतबा, जंग और प्रेम को दर्शाता है। कलंक प्रेम और अहंकार के जलते हुए दीये की कहानी है।