फिल्म ‘साहेब बीवी और गैंगस्टर’ के वितरक पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

वर्ष 2011 में रिलीज हुई फिल्म ‘साहेब बीवी और गैंगस्टर Saheb Biwi Aur Gangster’ के एक वितरक पर मुनाफे को लेकर निर्माता के साथ कथित धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है। दक्षिण पश्चिम दिल्ली के वसंत कुज में सोमवार को सुनील बोहरा के खिलाफ निर्माता राहुल मित्रा की ओर से मामला दर्ज कराया गया।

शिकायत के अनुसार, बोहरा ने निर्माता राहुल मित्रा और निर्देशक तिग्मांशु धूलिया के साथ फिल्म की रिलीज और वितरण को लेकर करार किया था। मित्रा ने आरोप लगाया है कि बोहरा ने मुनाफे की सारी रकम अपने पास रख ली और केवल 40 लाख रुपये ही उन्हें दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बोहरा ने यूटीवी के साथ तीन करोड़ रुपये का एक करार (रिफंडेबल एडवांस डील) किया था और फिल्म के डिजिटल और संगीत अधिकार भी उनसे मुनाफा साझा किए बिना बेच दिए।

मित्रा ने ‘वेस्टर्न इंडिया फिल्म प्रोड्यूसर एसोसिएशन’ (डब्ल्यूआईएफपी) में भी शिकायत दर्ज कराई, जहां कई वर्षों तक विचार-विमर्श चला और बार-बार पत्र भेजने और रिमाइंडर भेजने के बावजूद बोहरा वहां पेश नहीं हुए। डब्ल्यूआईएफपी ने बोहरा को निर्देश दिया था कि मित्रा को दो करोड़ रुपये के साथ ही वर्ष 2011 से अभी तक का रकम पर बना ब्याज दिया जाए।

साहिब बीवी और गैंगस्टर- 3 ने दर्शकों को निराश किया है। तिग्मांशु धूलिया के फैन्स को उम्मीद थी कि उन्हें हासिल या चरस फिल्म जैसे डायलॉग इस फिल्म में भी मिलेंगे।

ये फिल्म कहीं से भी तिग्मांशु धूलिया की फिल्म नहीं लगती। इश्क, नफरत और ताकत के तानेबाने से बुनी गई ये फिल्म रचनात्मकता के लिहाज से सिफर है। सिर्फ साहिब के नशे, बीबी की खूबसूरती और गैंगस्टर की हिंसा भटकी हुई लगती है। इनके भटकाव में फिल्म की कहानी गुम हो जाती है। फिल्म अपनी लय खो देती है और दर्शक निराश होकर हॉल से बाहर निकलते हैं।

ये है फिल्म की कहानी

फिल्म में राजा आदित्य प्रताप सिंह यानी साहेब के किरदार में एक बार फिर जिमी शेरगिल हैं। बेगम यानी रानी माधवी सिंह के किरदार में माही सिंह हैं। साहब पिछले गैंगस्टर (इरफान) के कत्ल के इल्जाम में जेल में हैं। माही गिल अब विधायक बन गई हैं और इस बार उनके हुस्न से ज्यादा उनकी सियासत के रंग आपको फिल्म में देखने को मिलेंगे। जिमी शेरगिल अपने एक पुराने साथ की मदद से जेल से बाहर आने में कामयाब होते हैं और अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन वापस पाने की कोशिस में लग जाते हैं। इसके साथ ही शुरू होती है साहिब और बीबी के बीच की जंग। माही किसी काम से यूरोप जाती हैं और वहां उनकी मुलाकात होती है गैंगस्टर यानी संजय दत्त से। गैंगस्टर के अंदर राजनीतिक महत्वाकांक्षा जग जाती है और फिर शुरू होता है इश्क, षडयंत्र और हिंसा का गंदा खेल।