‘चीट इंडिया’ में सुनाई देगा ‘दिल में हो तुम सांसों में तुम’, गीतकारों के बोलों की कमी

इस वर्ष कई ऐसी फिल्मों का प्रदर्शन हुआ जिसमें हमें लोकप्रिय पुराने गीतों को नए अंदाज में देखने और सुनने का मौका मिला। वर्ष के अंत में प्रदर्शित होने वाली रणवीर सिंह-सारा अली खान स्टारर ‘सिम्बा’ में भी हमें ‘आँख मारे वो लडकी आँखे मारे’ और ‘तेरे बिन’ जैसे लोकप्रिय पुराने गीत सुनने को मिल रहे हैं। ऐसा नहीं कि यह सिलसिला थमने जा रहा है आगामी वर्ष गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शित होने जा रही इमरान हाशमी की फिल्म ‘चीट इंडिया’ में बप्पी लहरी के सुपरहिट नंबर ‘दिल में हो तुम,सांसों में तुम बोले तुम्हें कैसे चाहें’ को फिर से नए रूप और अंदाज के साथ सुना जा सकेगा।

‘चीट इंडिया’ में इस गीत को गाया है सिंगर -कंपोजर अरमान मलिक ने। इसके साथ ही यह अरमान मलिक का लगातार तीसरा गाना होगा जो कि उन्होंने इमरान हाशमी के लिए गाया है। इमरान हाशमी के लिए गाए उनके पहले दो गाने ‘बोल दो ना जरा’ ‘मैं रहूं या ना रहूं’ सुपरहिट गानों की लिस्ट में हिट रह चुके हैं। इससे इस फिल्म का प्रमोशनल सांग ‘दारु वर्गी’ जारी किया गया था। यह गाना फेमस सिंगर गुरु रंधावा के साथ था जो कि लोगों को बेहद पसंद आया।

इमरान हाशमी पर फिल्माया गया गाना ‘दिल में हो तुम’ बप्पी लहरी के कंपोजीशन का नया रूप है। इसके पहले यह गाना विनोद खन्ना और अनिता राज की फिल्म ‘सत्यमेव जयते’ में फिल्माया जा चुका है। गौरतलब यह है कि यही गाना बप्पी लहरी की बंगाली फिल्म के गाने का रीमेक था, जिसे उस समय किशोर कुमार ने ‘अमर संगी’ (1986) फिल्म में गाया था।

32 साल बाद रोचक कोहली ने इसी गाने को री कंपोज किया है। गीत के बोल मनोज मुंतशिर के हैं, वही अपनी स्पेशल टच के साथ अरमान मलिक ने इसे गाया है। अरमान की आवाज में गाया यह गीत भी लोकप्रिय होगा इसमें कोई दोराय नहीं है।

इस गीत के बारे में अरमान मलिक का यह मानना है कि रोचक के साथ उनका पहला एसोसिएशन है और वह अपने आप को बहुत भाग्यशाली मानते हैं कि किशोर दा के सुपरहिट नंबर को उन्हें गाने का मौका मिल रहा है। सारेगामापा में एक कंटेस्टेंट के रूप में बप्पी लहरी का बहुत ज्यादा प्यार मिला था और उम्मीद है कि इस नंबर के बाद उन्हें और प्यार मिलेगा।

इमरान हाशमी निर्मित और अभिनीत ‘चीट इंडिया’ गणतंत्र दिवस के मौके पर 25 जनवरी 2019 को प्रदर्शित होने जा रही है। यह फिल्म देश में चल रहे कोचिंग संस्थानों के हालातों पर आधारित है।