शादी के सवाल पर भड़की दीपिका पादुकोण, पलटकर दिया करारा जवाब..., वीडियो

फिल्मों से कहीं ज्यादा अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में रहने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण Deepika Padukone हाल ही में फिक्की लेडिज ऑर्गेनाइजेशन (एफएलओ) की ओर से शनिवार को दिल्ली में आयोजित ‘फाइंडिंग ब्यूटी इन इम्परफेक्शन’ शीर्षक पर आयोजित चर्चा के दौरान मौजूद रही। खबरें है कि दीपिका नवंबर में अपने बॉयफ्रेंड और अभिनेता रणवीर सिंह Ranveer Singh के साथ सात फेरे लेने जा रही हैं। हालांकि, दोनों स्टार्स ने इसपर बात करने के लिए राजी नहीं हैं। वही कार्यक्रम के दौरान जब दीपिका से उनकी शादी से जुड़े सवाल किए गए तो वो बड़क गई। दरहसल, जब एक पत्रकार ने दीपिका की शादी से जुड़ा सवाल पूछा तो एक्ट्रेस का यह बिल्कुल पसंद नहीं आया। उन्होंने जवाब देते हुए कहा- "मैं निश्चित तौर पर इस सवाल का जवाब नहीं दूंगी। इस तरह की जगह के लिए यह एक बेहद असंवेदनशील सवाल है।"

इवेंट में दीपिका पादुकोण डिप्रेशन ने डिप्रेशन से अपने संघर्ष के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि इस बारे में सबको बताकर उनका उद्देश्य 'बहादुर' दिखना नहीं था। 32 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा कि जब उसने अपने संघर्ष के बारे में पहली बार बताया था तो वह सिर्फ खुद से और अपने फैंस के प्रति 'ईमानदार' बनना चाहती थीं। ये बात चार साल पुरानी है। दीपिका ने कहा कि इसको दूसरों से साझा करना मेरे लिए बहुत जरूरी था। 'इसने मेरी जिंदगी बदल दी। बहुत ज्यादा जागरूक नहीं थी। मैं किस दौर से गुजर रही थी, इससे जरा भी परिचित नहीं थी।"

पद्मावत की अभिनेत्री ने कहा कि मेरी मां ने सबसे पहले मेरी पीड़ा को समझा और जाना कि मैं किस दौर से गुजर रही हूं। दीपिका ने याद करते हुए कहा, "मैं बिल्कुल भी प्रेरित महसूस नहीं कर रही थी। मुझे नहीं मालूम था कि मैं अपनी जिंदगी से क्यों खुश नहीं थी। मेरी मां ने सबसे पहले समझा और मुझे काउंसलर के पास लेकर गई। वो समझ गई थी कि मुझे चिकित्सा की जरूरत है।" दीपिका ने आगे बताया, "मैं पूरी तरह से पारदर्शिता महसूस की। डिप्रेशन के चलते मुझे यह समझ में आया कि जिंदगी कितनी नाजुक है। इसने मुझे लोगों के विचारों, भावनाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बनाया।"

दीपिका का मानना है कि महिलाओं को कभी-कभी अपनी जिम्मेदारियों से छुट्टी लेनी चाहिए और इसके लिए खुद को दोषी नहीं मानना चाहिए। 32 वर्षीय स्टार का कहना है कि ‘परफेक्ट’ बनने के प्रयास में महिलाएं अपने ही बारे में सोचना बंद कर देती है। उनका कहना है, "मुझे लगता है कि अलग-अलग भूमिकाएं निभाने के दौरान महिलाओं में खुद को दोषी मानने का चलन बहुत ज्यादा है। वह हमेशा ‘परफेक्ट’ बनने की कोशिश करती हैं। मुझे लगता है कि अपने लिए समय निकालना बहुत जरूरी है और वह भी खुद को दोषी माने बगैर।"

दीपिका का कहना है, "महिलाएं हमेशा किसी ना किसी के लिए कुछ ना कुछ करने को लेकर चिंता में रहती हैं। अपने लिए समय निकालना एकदम सामान्य है।" करीब चार साल पहले अपने डिप्रेशन के बारे में खुलकर बात करने वाली अभिनेत्री का कहना है कि लोगों को अपनी बातें साझा करने से शर्माना नहीं चाहिए क्योंकि उनकी बातें सुनकर समस्या से ग्रस्त अन्य लोगों को प्रेरणा मिलती है।