सुनसान इलाके में कपड़े उठाकर शौच करने की कल्पना से ही मुझे डर लगता है : भूमि पेडनेकर

भूमि पेडनेकर निर्देशक अभिषेक चौबे की नई फिल्‍म 'सोनचिड़‍यिा' में नज़रआने वाली हैं। बीहड़ और डकैत की जिंदगी पर बनी इस फिल्‍म में भूमि पेडनेकर के साथ सुशांत सिंह राजपूत, मनोज वाजपेयी, रणवीर शौरी, और आशुतोष राणा जैसे एक्‍टर्स नजर आने वाले हैं। इस फिल्‍म में सुशांत सिंह राजपूत और भूमि पेडणेकर बिलकुल देसी अंदाज में नजर आने वाले हैं। हाल ही में मीडिया को दिए एक इंटरव्यू के दौरान भूमि ने कहा कि खुले व सुनसान इलाके में शौच करने की बात सोचने भर से उन्हें डर लगता है। इस फिल्म में उनके किरदार को काफी सराहा गया था। अभिनेत्री वास्तविक जीवन में भी खुले में शौच के खिलाफ हैं। भूमि के मुताबिक, भारत में स्वच्छता संकट से सबसे ज्यादा महिलाएं जूझ रही हैं।

भूमि पेडनेकर ने कहा कि, 'मुझे सटीक आंकड़ा नहीं पता, लेकिन ऐसी रिपोर्ट हैं जो दिखाती हैं कि जिन इलाकों में शौचालय व स्वच्छता संबंधी सुविधाएं नदारद हैं। वहां महिलाएं शौच जाने के लिए अंधेरा होने का इंतजार करती हैं या फिर सुनसान इलाके में जाती हैं। जिसके चलते दुष्कर्म या छेड़छाड़ की घटनाएं देखने को मिलती हैं।

भूमि पेडनेकर ने कहा, 'मैं बीच सुनसान इलाके में कपड़े उठाकर शौच करने की कल्पना भी नहीं कर सकती। इससे मुझे डर लगता है। मेरा जीवन खतरे में पड़ सकता है, क्योंकि कुछ भी हो सकता है। लेकिन, गांव-देहात में ऐसी हजारों महिलाएं हैं जो लंबे अरसे से ये सब कर रही हैं। जरा कल्पना कीजिए कि वे किस तरह का खतरा मोल ले रही हैं। यह हैरान कर देने वाली बात है'।

यहां तक की भूमि सार्वजनिक शौचालयों के इस्तेमाल पर शुल्क वसूलने की अवधारणा के भी खिलाफ हैं। भूमि ने कहा कि शौचालयों के इस्तेमाल पर लोगों से शुल्क वसूलना उनकी समझ के परे है। सार्वजनिक जगहों पर शौचालयों का इस्तेमाल निशुल्क कर देना चाहिए। यह हर नागरिक का मूलभूत अधिकार है।

भूमि पेडनेकर ने यह भी बताया कि 'टॉयलेट : एक प्रेमकथा' से काफी बदलाव देखने को मिला है। जब उन्होंने पटकथा पढ़ी थी तो यह जानकर हैरान रह गई थी कि भारत में 58 फीसदी लोग खुले में शौच करते हैं। लेकिन फिल्म रिलीज होने और कई स्वच्छता अभियानों की बदौलत इसमें गिरावट देखने को मिली है।

भूमि पेडनेकर का मानना है कि जब तक देश के लोग स्वच्छता के प्रति संजीदा नहीं होंगे, तब तक हमारे देश में स्वच्छता में कमी जैसी समस्या हल नहीं हो सकती।