#Metoo पर आयुष्मान खुराना की पत्नी का नया खुलासा, कहा - रिश्तेदार होते हैं असली वहशी

देश में चल रहे #Metoo कैंपेन के तहत महिलाओं ने खुलकर अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में सभी से शेयर किया। जिसमें बॉलीवुड इंडस्ट्री के कई बड़े बड़े नाम सामने आए और अब इन दिग्गज हस्तियों के खिलाफ एक्शन भी लिया जा रहा है। वही अब इस कैंपेन पर बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप ने कहा है कि असली वहशी (रियल क्रीप्स) रिश्तेदार ही हो सकते हैं। बचपन में यौन उत्पीड़न का सामना कर चुकीं 35 साल राइटर और डायरेक्टर ने ट्विटर पर एक लंबे पोस्ट के माध्यम से अपनी स्टोरी शेयर की।

ताहिरा कश्यप Tahira Kashyap ने ट्वीट कर कहा, "मुझे करीब 20 साल बाद शांति मिली, जब मैंने इसे अपने पति और परिजनों के साथ साझा किया। अक्सर करीबी लोग, विशेषकर रिश्तेदार (जिन पर आप विश्वास करते हैं) आपकी जिंदगी में असली वहशी (रियल क्रीप्स) होते हैं। मुझे पता है कि (यौन) उत्पीड़न होने पर कैसा महसूस होता है, बरसों तक यह अंदर बसा रहता और उसे याद करने पर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं।"

कश्यप ने कहा कि वह शारीरिक स्पर्श से डरने लगी थीं और कहा कि वह आयुष्मान ही हैं जिन्होंने प्यार और धैर्य के साथ उनके घाव भरे। उन्होंने कहा, "जब मैंने अपने पति (उस वक्त प्रेमी) के साथ डेटिंग शुरू की थी तो मैं शारीरिक स्पर्श से काफी डरी हुई थी, मैं शारीरिक निकटता के हर कदम पर रोया करती थीं। उनके प्यार और धैर्य ने मुझे संभाला।" ताहिरा ने कहा कि पहले बच्चे के जन्म के बाद तक भी उस पीड़ा की यादें मुझे डराया करती थीं।

उन्होंने कहा, "मेरे पहले बच्चे के बाद भी मेरे सीने पर भारी बोझ बना हुआ था। उस पीड़ा की यादें मुझे डराया करती थीं और इसलिए मैंने अपनी बचपन की पीड़ा को अपने पति और परिजनों को बताने का फैसला किया।" ताहिरा ने कहा कि मी टू केवल चर्चित चेहरों के लिए नहीं है और उन्हें लगता है कि सभी क्षेत्रों की महिलाओं को उन पुरुषों को सामने लाने में शर्म नहीं आनी चाहिए, जिन्होंने अपनी सीमाएं पार कीं। 'टॉफी' फिल्म की डायरेक्टर ने 'मी टू' अभियान में पुरुषों के हिस्सा लेने और महिलाओं को सच बोलने के लिए हौसला देने की सराहना की।

#MeToo पर कृति सेनन ने उठाए सवाल, कहा- किसी निष्कर्ष पर कोई कैसे पहुंचेगा

'बरेली की बर्फी' की एक्ट्रेस कृति सेनन Kriti Sanon ने रविवार को लोगों से यौन शोषण के खिलाफ 'MeToo' अभियान को जिम्मेदारी के साथ संभालने और अपनी गुमनामी के कारण अभियान को कमजोर नहीं करने का आग्रह किया। कृति का मानना है कि किसी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने से पहले पुरुष और महिला को अपनी पहचान उजागर करनी चाहिए। एक्ट्रेस ने ट्विटर पर लिखा, "क्या होगा जब किसी के खिलाफ एक 'गुमनाम लड़की' की 'मी टू' कहानी सामने आएगी? क्या हम उस पर आसानी से विश्वास कर लेंगे और वह भी बिना जाने कि वह लड़की कौन है या वास्तव में है भी या नहीं? किसी निष्कर्ष पर कोई कैसे पहुंचेगा? क्या यह सही है कि पीड़िता के नाम के बिना ही आई मी टू कहानी के आरोपी को 'दोषी' मान लिया जाए? क्या मीडिया को ऐसी कहानियों को दिखाना चाहिए?"

कृति के मुताबिक, बिना पहचान की कहानी किसी का नाम और करियर दोनों खराब कर सकती है। इसलिए उन्होंने सभी से 'मी टू' अभियान को जिम्मेदारी के साथ संभालने और इसके लिए वैधानिक तरीका तलाशने को कहा है। 28 साल की एक्ट्रेस ने कहा, "वह लोग जो अपनी मी टू कहानियां साझा करना चाहते हैं, उन सभी महिलाओं और पुरुषों को अपने नामों व चेहरों के साथ खुले में आना चाहिए। या फिर मुकदमा और कानूनी मामला दाखिल करना चाहिए ताकि मामले की जांच हो सके और मी टू अभियान न कमजोर हो सके और न इसका दुरुपयोग हो सके।" कृति ने उन लड़कियों की सराहना की, जिन्होंने लोगों के सामने अपनी उत्पीड़न की कहानियों के बारे में बोला। उन्होंने कहा कि मी टू अभियान लोगों में कुछ भी गलत करने से पहले डर लाएगा।