ऑफ बीट के बाद अब आम फार्मूला फिल्मों के लिए तैयार राजकुमार राव

पिछले कुछ सालों में बॉलीवुड में राजकुमार राव (Rajkummar Rao), आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana), सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput), कार्तिक आर्यन (Kartik Aryan) जैसे सितारों ने अपने अभिनय से बॉलीवुड को काफी प्रभावित किया है। इन सितारों ने अपनी ऑफ बीट फिल्मों की सफलता से इस बात को पुख्ता किया है यदि फिल्म का कथानक सशक्त है तो वे अपने बलबूते पर फिल्म को सफल बना सकते हैं। गत वर्ष बॉक्स ऑफिस पर ‘स्त्री (Stree)’ सरीखी फिल्म देने वाले राजकुमार राव (Rajkummar Rao) से किसी ने अपेक्षा नहीं की थी वे 100 करोड़ी फिल्म दे सकते हैं, लेकिन उन्होंने दी। इस फिल्म की सफलता में जहाँ उनकी अभिनय प्रतिभा का हाथ रहा था वहीं इसकी कहानी और प्रस्तुतीकरण ने भी इसमें अहम् भूमिका निभाई थी। राजकुमार राव की इस शुक्रवार 1 फरवरी को एक और ऑफ बीट फिल्म ‘एक लडक़ी को देखा तो ऐसा लगा (Ek Ladki Ko Dekha Toh Aisa Laga)’ प्रदर्शित हुई है। आम मसाला फिल्मों से इतर बनी इस फिल्म को पहली बार बड़े निर्माता और बड़ी स्टार कास्ट के साथ बनाया गया है।

टाइम्स नाउ को हाल ही में दिए अपने एक साक्षात्कार में राजकुमार राव ने अपनी फिल्मों के बारे में खुलकर बातचीत की है। उनका कहना है कि वे सिर्फ ऑफ बीट फिल्मों में ही काम नहीं करना चाहते अपितु अब उनके पास कॉमर्शियल फिल्मों के प्रस्ताव भी आने लगे हैं और यह सब बरेली की बर्फी, शादी में आना जरूर, न्यूटन, ओमार्टा और स्त्री की सफलता के बाद हुआ है। विशेष कर ‘स्त्री’ के बाद जो कि बड़ी कॉमर्शियल हिट फिल्म साबित हुई।

अपने साक्षात्कार में मसाला फिल्मों के बारे में पूछे जाने पर राजकुमार ने कहा, मसाला इंटरटेनर फिल्मों की परिभाषा बदल चुकी है। मैं बस उन फिल्मों का हिस्सा बनना चाहता हूं जिसकी कहानी अच्छी हो। ‘सिम्बा’ जैसी मसालेदार फिल्मों में भी काम करने में मुझे कोई दिक्कत नहीं है। मैं यह बात हर जगह खुले तौर पर कहता हूं। मैं हर तरह की कहानी के लिए काम करने को तैयार हूं। अगर किसी फिल्म का कंटेंट लार्जर देन लाइफ है तो भी मैं ऐसी फिल्मों में काम कर सकता हूं मगर शर्त सिर्फ इतनी ही है कि कहानी अच्छी होनी चाहिए। मैं कहानी के साथ कोई समझौता नहीं कर सकता।

राजकुमार राव की हालिया प्रदर्शित ‘एक लडक़ी को देखा तो ऐसा लगा (Ek Ladki Ko Dekha Toh Aisa Laga)’ को बहुत धीमी शुरूआत मिली है, इसका कारण इसका कथानक है, जिसे सिर्फ मेट्रो सिटीज के दर्शक स्वीकार कर सकते हैं। छोटे और मझोले शहरों में इस फिल्म को तीव्रता के साथ स्वीकार नहीं किया जा सकता। फिल्म का प्रस्तुतीकरण और सितारों का अभिनय बेमिसाल है लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसकी सफलता संदिग्ध है।