अस्सी और नब्बे के दशक में अपने अभिनय से दर्शकों को दीवाना बनाने वाले अभिनेता कादर खान के बारे में समाचार आ रहे हैं उन्हें गम्भीर रूप से बीमार होने के बाद बाइपैप वेंटीलेटर पर रखा गया है। 81 साल के कादर खान प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी डिसऑर्डर (पीएसपी ) के शिकार हो गए हैं और इसकी वजह से उनके मस्तिष्क ने काम करना बंद कर दिया है।
एक समाचार वेबसाईट से बात करते हुए कादर खान के बेटे सरफराज ने जानकारी दी है कि प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी डिसऑर्डर के चलते कादर खान की दिमाग से संचालित होने वाली गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई है और डॉक्टरों ने सांस लेने में हो रही दिक्कत के कारण उन्हें बाइपेप वेंटीलेटर पर रखा है। वहीं इसी के साथ डॉक्टरों को उनमें निमोनिया के लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं।
सरफराज के अनुसार डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर रख रही है। कादर खान कई साल से अपने बेटे और बहू के साथ कनाडा में रह रहे हैं और वहीं उनका इलाज हो रहा है। अन्तिम बार वे वर्ष 2015 में फिल्म ‘दिमाग का दही हो गया’ में नजर आए थे। वर्ष 1973 से फिल्मों में सक्रिय हुए कादर खान ने अभिनय के साथ-साथ पटकथाकार और संवाद लेखक के तौर पर बॉलीवुड में अपनी एक अलग जगह बनाई। उन्होंंने अमिताभ बच्चन के करियर को परवान चढाने वाली कई फिल्मों के संवाद लिखे। इनमें मुख्य रूप से ‘अदालत’, ‘मुकद्दर का सिंकदर’, ‘हेरा फेरी’ और ‘खून पसीना’ शामिल हैं।
लगभग एक दशक से वो ख़बरों से दूर अभिनेता कादर ख़ान का बचपन बहुत ही संघर्ष भरा रहा है और बाद के दिनों में उन्होंने बड़ी ही लग्न और समर्पण से बॉलीवुड में अपनी एक पहचान बनाई। सिफऱ् अभिनय ही नहीं बल्कि लेखनी में भी उनका जादू खूब दिखा। एक दौर ऐसा भी रहा जब अमिताभ बच्चन के लिए भी संवाद कादर ख़ान ही लिखते थे। कादर खान ने लगभग 300 फिल्मों में अभिनय किया और 250 से ज्यादा फिल्मों के संवाद लिखे। उन्होंंने अपने करियर में शबाना आजमी को लेकर फिल्म ‘शमा’ का निर्माण भी किया था। अपने समय में इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर औसत सफलता प्राप्त की थी।