टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की लोकप्रियता की दौड़ में सबसे निचले पायदान पर आता है अभिनेता सलमान खान द्वारा प्रस्तुत और कलर्स टीवी द्वारा प्रस्तुत शो बिग बॉस, जिसका इन दिनों 11 सीजन प्रसारित हो रहा है। एक दशक पूर्व जब यह कार्यक्रम शुरू हुआ था, जिसने स्वयं को लगातार कई हफ्तों तक TRP की दौड़ में पहले पायदान पर रखा था। सेलेब्रिटीज के भाग लेने के कारण अपने पहले सीजन से इसने दर्शकों में अपनी एक जगह बना ली थी।
बिग बॉस में भाग लेने वाले प्रतिभागी सिर्फ उतने दिन ही चर्चाओं में रहते हैं जितने दिन इसका प्रसारण होता है, उसके बाद यह सितारे क्या कर रहे हैं या वे कहाँ हैं इसकी कोई जानकारी दर्शकों को नहीं होती है। बिग बॉस के पिछले 10 सीजनों में शामिल हुए सितारों में से 90 प्रतिशत गुमनामी के अंधेरे में हैं। कुछ समय पूर्व हमने दर्शकों को इस कार्यक्रम के
पहले विजेता अभिनेता राहुल रॉय के बारे में जानकारी दी थी। अब पेश बिग बॉस सीजन-1 के दूसरे प्रतिभागी अभिनेता दीपक तिजोरी के बारे में कुछ जानकारी, जो अपने फिल्म करियर की तरह बिग बॉस में भी असफल हो गए थे।
28 अगस्त 1961 को पैदा हुए दीपक तिजोरी भारतीय सिने उद्योग में निर्माता, निर्देशक व अभिनेता के तौर पर पहचाने जाते हैं। फिल्मों में बतौर नायक ‘तेरा नाम मेरा नाम’, ‘परबत के उस पार’ (1988) और मैं तेरा दुश्मन (1989) में नजर आने वाले दीपक तिजोरी को सहायक अभिनेता के तौर पर 1990 में आई महेश भट्ट की फिल्म ‘आशिकी’ से पहचान मिली।
1991 में ‘कौन करे कुर्बानी’ और ‘अफसाना प्यार का’ में छोटी भूमिकाओं में नजर आए इस अभिनेता को इसी वर्ष एक बार फिर महेश भट्ट ने अपनी दो महत्त्वाकांक्षी फिल्मों आमिर खान अभिनीत ‘दिल है कि मानता नहीं’ और संजय दत्त अभिनीत ‘सडक़’ में नायक के समानान्तर भूमिकाओं में लिया। इन दोनों फिल्मों की कामयाबी ने जहाँ आमिर खान और संजय दत्त के करियर को ऊँचाईयाँ प्रदान कीं, वहीं दूसरी ओर दीपक तिजोरी को उस समय का सबसे सफल सहनायक साबित किया। हालांकि इन फिल्मों के बाद उन्होंने कई फिल्मों में नायक-सहनायक के रूप में काम किया लेकिन उन्हें दर्शकों ने स्वीकार नहीं किया। हालांकि अपने अनिश्चित दौर में भी उन्होंने मंसूर खान निर्देशित और आमिर खान अभिनीत ‘जो जीता वो सिकन्दर’ और अब्बास मस्तान निर्देशित अक्षय कुमार अभिनीत ‘खिलाड़ी’ में अपने किरदारों से दर्शकों को खासा प्रभावित किया।
इसी बीच 1993 में उन्होंने ‘पहला नशा’ में बतौर नायक काम किया। अभिनय के साथ उन्होंने इस फिल्म का निर्माण भी किया और निर्देशन की जिम्मेदारी आशुतोष गोवारिकर को दी जो उनके एक्टिंग बैच के साथी थे।
अपने 15 साल के अभिनय करियर को देखने के बाद दीपक तिजोरी ने बतौर निर्देशक 2003 में ‘उप्पस’ को दर्शकों के सामने पेश किया। अपने अनोखे विषय और दृश्यों को लेकर यह फिल्म खासी विवादास्पद रही। उस वक्त इंडिया टुडे ने इस फिल्म की खासी सराहना की और दीपक तिजोरी को ऐसे विषय पर फिल्म निर्देशित करने के लिए बधाई दी।
अभिनेता-निर्माता से अचानक निर्देशन के क्षेत्र में आए दीपक तिजोरी ने वर्ष 2006 में अचानक से कलर्स टीवी के रियलिटी शो ‘बिग बॉस-1’ में आकर दर्शकों को हैरान कर दिया था। उनका इस शो में बतौर प्रतिभागी आना अपने आप में एक रोचक किस्सा है। उनका प्रवेश शो में प्रसारण के सातवें दिन हुआ जब उन्होंने इस शो के प्रतिभागी सलील अंकोला का स्थान लिया। सलील अंकोला को बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि वे बालाजी टेलीफिल्म से अनुबन्ध में बंधे होने के कारण किसी अन्य टीवी चैनल के कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकते हैं। ऐसे में उनके सामने दो ही रास्ते हैं या तो वे कलर्स चैनल के शो बिग बॉस के घर से बाहर आ जाये अन्यथा उन पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाएगा। स्वयं को कोर्ट कचहरी से बचाने के चक्कर में सलील अंकोला ने बिग बॉस के घर से बाहर आना ही बेहतर समझा और उनके द्वारा रिक्त हुए स्थान पर अचानक से दीपक तिजोरी को सामने लाया गया।
बिग बॉस के घर में रहने के दौरान दीपक तिजोरी की पत्नी शिवानी तिजारी ने अपने मित्रों, पारिवारिक सदस्यों और मीडिया जगत को दीपक तिजोरी को बिग बॉस के घर से बाहर करवाने के लिए मदद की मांग की। बिग बॉस के घर से बाहर आने के बाद दीपिक तिजोरी ने कहा कि वे इस शो को केन्द्र में रखकर एक फिल्म का निर्माण करेंगे। उन्होंने इस शो पर पटकथा पर आधारित होने का आरोप भी लगाया। उनका कहना था कि बिग बॉस के घर में रहने वाले प्रतिभागी स्वयं कोई लड़ाई-झगड़ा, प्यार मोहब्बत, गाली गलौज नहीं करते हैं बल्कि यह पूरी तरह से एक पटकथा का हिस्सा होता है जो उन्हें दी जाती है। हालांकि तिजोरी के इस आरोप का इस शो के निर्माताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
बिग बॉस की वजह से दीपक तिजोरी को मीडिया ने बहुत ज्यादा तवज्जो दी जिसके चलते उनके पास फिल्मों में अभिनय के साथ-साथ निर्देशन के प्रस्ताव भी बहुत आए। वर्तमान समय में दीपिक तिजोरी बतौर अभिनेता और निर्देशक पूरी तरह से फिल्मों के साथ-साथ टीवी की दुनिया में भी सक्रिय हैं। वे फिल्मों का निर्माण करने के साथ ही टीवी शो का निर्माण भी करते हैं। उनके निर्देशन में बनी फिल्म ‘दो लफ्जों की कहानी’ इसी वर्ष प्रदर्शित हुई है। इस फिल्म में रणदीप हुड्डा के साथ-साथ काजल अग्रवाल नजर आईं थी, जो इससे पहले अजय देवगन के साथ सिंघम और अक्ष य कुमार के साथ ‘स्पेशल 26’ में नजर आ चुकी हैं। तिजोरी ने बतौर निर्देशक आम फार्मूला फिल्मों के साथ-साथ मर्डर मिस्ट्री भी बनाई हैं। उनकी फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर बहुत बड़ी सफलता तो नहीं मिलती हैं लेकिन हाँ उनके द्वारा निर्देशित फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अपनी लागत निकालने में जरूर वसूल हो जाती हैं।