वेब सीरीज के रूप में परदे पर फिर लौटेगी ‘बैंडिट क्वीन’, दो सीजन में समायेगा जीवन

पच्चीस साल पहले शेखर कपूर ने डकैत फूलन देवी की जिन्दगी को परदे पर बैंडिट क्वीन के नाम से उतारा था। इस फिल्म ने राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जबरदस्त सराहना पाने के साथ ही व्यावसायिक मोर्चे पर भी फतह हासिल की थी। इस फिल्म का निर्माण बॉबी बेदी ने किया था। यही बॉबी बेदी एक बार फिर से फूलन देवी की जिन्दगी को परदे पर उतारने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन इस बार वे इसे फीचर फिल्म के रूप में नहीं अपितु वेब सीरीज के रूप में लेकर आ रहे हैं। बॉबी बेदी ने इस बात की घोषणा 2019 कांस फिल्म समारोह में की है। इस दौरान उन्होंने बताया कि इस सीरीज के दो सीजन होंगे और हर सीजन के 10 एपिसोड होंगे। गौरतलब है कि वर्ष 2001 जुलाई में दिल्ली बीचों बीच शहर में खूंखार चम्बल डकैत रही और तब की संसद सदस्य फूलन देवी की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।

बॉबी बेदी द्वारा निर्मित इस वेब सीरीज का निर्देशन तिग्मांशु धूलिया करेंगे जो 1994 में प्रदर्शित हुई बैंडिट क्वीन के कास्टिंग डायरेक्टर के साथ शेखर कपूर के सहायक निर्देशक थे। इस बार फूलन देवी के रूप में अभिनेत्री तनिष्ठा चटर्जी नजर आएंगी। तनिष्ठा राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से हैं। लेकिन यही वह जगह है, जहां निर्माता कहते हैं, दो प्रोडक्शन के बीच समानता समाप्त हो जाएगी।

72वें कान्स फिल्म फेस्टिवल 2019 के मौके पर बोलते हुए, बेदी ने खुलासा किया कि वेब सीरीज अगले कुछ महीनों में प्रोडक्शन में जाएगी। हर सीजन में 10 एपिसोड होंगे और इस सीरीज के दो सीजन होंगे। बॉबी बेदी ने कहा, ‘पहला सीजन फूलन की आठ साल की जेल की अवधि के साथ समाप्त होगा, जबकि दूसरा काफी हद तक उसकी रिहाई के बाद के वर्षों को कवर करेगा। उनकी जेल अवधि चार साल बढ़ाई गई थी, लेकिन रिहा होने के दो साल के भीतर वह सांसद बन गईं। फूलन देवी की ये एक बड़ी बात है और इसे कवर किया जाना बाकी है।’ बेदी कहते हैं, ‘बैंडिट क्वीन ने बताया कि किस तरह एक महिला को ग्रामीण भारत में निम्न जाति का होने के कारण भारी आक्रोश झेलना पड़ा। उसने जातिगत उत्पीडऩ को किस तरह कुचला फिल्म इस पर आधारित थी। शहर में, इसके विपरीत, उसने एक निम्न-जाति की महिला की राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन किया।’

लंबे समय से बेदी फूलन देवी की कहानी को आगे बढ़ाने के लिए ‘बैंडिट क्वीन’ का सीक्वल बनाने का प्रयास कर रहे थे। बेदी ने कहा, फिर वेब स्पेस खुल गया और हमें एहसास हुआ कि यह सबसे अच्छा विकल्प होगा क्योंकि यह कहानीकार को हर समय पात्रों और सेटिंग्स को विकसित करने की अनुमति देता है। तनिष्ठा चटर्जी को लेकर उन्होंने कहा कि फूलन के रूप में उनके जहन में शुरू से ही तनिष्ठा चटर्जी थी जब उनसे बात की गई तो वे तुरन्त इस किरदार के लिए तैयार हो गई।