रवीना टंडन के साथ फिर से काम करने पर बोले अक्षय कुमार, एक कमरे में रहते थे ‘खिलाड़ी’ के परिवार के 24 लोग

एक्टर अक्षय कुमार की अगली फिल्म ‘वेलकम टू द जंगल’ को लेकर फैंस में जबरदस्त क्रेज है। इसमें करीब दो दशक बाद अक्षय ‘मस्त मस्त गर्ल’ रवीना टंडन के साथ स्क्रीन शेयर करेंगे। 90 के दशक की ये जोड़ी काफी पॉपुलर थी। उनकी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा-खासा बिजनेस किया। अब अक्षय ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि वे रवीना के साथ काम करने को लेकर कितने एक्साइटेड हैं।

अक्षय ने कहा कि ‘वेलकम टू द जंगल’ फिल्म की जल्द ही शूटिंग शुरू होने वाली है। मैं 20 साल बाद रवीना के साथ स्क्रीन शेयर करने वाला हूं। हमने अब तक साथ में कई हिट फिल्में दी हैं। मैं उनके साथ फिर से काम करने के लिए काफी एक्साइटेड हूं। इस फिल्म में हम एक गाना भी साथ में करेंगे, जो ‘टिप टिप बरसा पानी’ से भी ज्यादा ब्लॉकबस्टर होगा। उल्लेखनीय है कि इस जोड़ी को आखिरी बार साल 2004 में ‘पुलिस फोर्स एन इनसाइड स्टोरी’ में एक साथ देखा गया था।

एक वक्त था जब अक्षय और रवीना एक-दूसरे को डेट कर रहे थे। दोनों की लव स्टोरी फिल्म ‘मोहरा’ से शुरू हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों का प्यार इस कदर परवान चढ़ गया था कि एक दूसरे से सगाई कर ली लेकिन बाद में ये सगाई टूट गई। अक्षय ने साल 2001 में राजेश खन्ना और डिम्पल कपाड़िया की बेटी ट्विंकल खन्ना से शादी कर ली। रवीना की शादी साल 2004 में बिजनेसमैन अनिल थडानी से हुई है।

एक भी दिन ऐसा नहीं था जब हम हंसे नहीं : अक्षय कुमार

अक्षय कुमार को एक साधारण बैकग्राउंड से आने के कारण फिल्म इंडस्ट्री में सफलता हासिल करने के लिए काफी संघर्षों से गुजरना पड़ा था। अक्षय ने 'एएनआई' से बातचीत में कहा कि हम 24 लोग दिल्ली के चांदनी चौक में एक ही घर में रहते थे। हम सभी एक ही कमरे में सोते थे। सुबह जब हम वर्कआउट के लिए उठते थे, तो सभी बाहर निकलने के लिए एक-दूसरे के ऊपर से कूदते थे।

जब मैं दिल्ली से मुंबई शिफ्ट हुआ और सायन कोलीवाड़ा एरिया में रहने लगा, तो किराए के रूप में 100 रुपए का भुगतान किया। मैं भगवान की कसम खाता हूं, इसके बावजूद एक भी दिन ऐसा नहीं था, जब हम मुस्कुराए या हंसे नहीं। अब जब हमारे पास पैसा है, तो कभी-कभी हमें थोड़ा दुख होता है, लेकिन उस समय दुखी होने की कोई बात नहीं थी।

हम दाल चावल, जीरा आलू, आलू गोभी, भिन्डी, ये सब खाते थे और खुश थे। फिल्म की टिकट के लिए पैसे बचाने को हम सुबह का खाना मिस कर देते थे। मैं 7वीं कक्षा में फेल हो गया था। इससे मेरे पिता बहुत परेशान हो गए थे, जो मुझे मारने आए थे। पिताजी ने पूछा, 'तू बनना क्या चाहता है?' तो मैंने कहा, 'हीरो बनना चाहता हूं।'