अक्षय कुमार (56) फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बिजी एक्टर्स में से एक हैं। वे तीन दशक से भी ज्यादा समय से लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा बिजनेस नहीं कर पा रही हैं। इस साल अप्रैल में रिलीज हुई उनकी मच अवेटेड फिल्म ‘बड़े मियां छोटे मियां’ बुरी तरह फ्लॉप हो गई। पिछले दिनों आई 'सरफिरा' भी बमुश्किल सिनेमाघरों में टिकी हुई है। इस बीच अक्षय ने 'सरफिरी बातें' नाम का एक चैट शो शुरू किया है, जिसमें वो फेमस लोगों के साथ पॉडकास्ट सेशन कर रहे हैं।
हाल ही अक्षय ने बिजनेसवुमन गजल अलघ से बातचीत की। इस दौरान अक्षय ने बताया कि जिंदगी में कई बार ऐसे मौके आए जब वो ठगे गए और उन्हें इससे काफी हताशा और निराशा भी हुई। काम के बाद पैमेंट न मिलने की बात भी उन्होंने बताई। अक्षय ने कहा कि एक-दो प्रोड्यूसर का पैमेंट नहीं आता है और यह सीधा धोखा है, ठगी है। अक्षय ने बताया कि वे इन परिस्थितियों से कैसे डील करते हैं।
अक्षय ने कहा कि मैं ऐसे व्यक्ति से अलग हो जाता हूं जो मेरे साथ धोखा करता है। मैं उससे बात ही नहीं करता, चुप हो जाता हूं और अपने साइड में निकल जाता हूं। उल्लेखनीय है कि अक्षय जल्द ही अपनी अगली फिल्म 'खेल खेल में' में नजर आएंगे। फिल्म 15 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इसमें तापसी पन्नु, एमी विर्क, फरदीन खान, वाणी कपूर, आदित्य सील और प्रज्ञा जैसवाल जैसे कलाकार भी हैं। अक्षय इसके बाद 'सिंघम अगेन', 'वेलकम टू द जंगल', 'हेरा फेरी 3' जैसी फिल्मों में भी दिखेंगे।
किसी भी फिल्म को असफल होते देखना दिल तोड़ने वाला होता है : अक्षयअक्षय ने हाल ही में फोर्ब्स इंडिया के साथ उनकी फिल्में फ्लॉप होने पर बात की। अक्षय ने कहा कि हर फिल्म के पीछे बहुत सारा खून, पसीना और जुनून होता है। किसी भी फिल्म को असफल होते देखना दिल तोड़ने वाला होता है। लेकिन आपको उम्मीद की किरण देखना सीखना होगा। हर असफलता आपको सफलता की कीमत सिखाती है और उसके प्रति भूख को और भी बढ़ा देती है।सौभाग्य से मैंने अपने करिअर की शुरुआत में ही इससे निपटना सीख लिया था।
बेशक, यह आपको दुख पहुंचाता है और प्रभावित करता है, लेकिन इससे फिल्म की किस्मत नहीं बदलेगी। यह ऐसा कुछ नहीं है जो आपके नियंत्रण में है...आपके नियंत्रण में जो है वह है कड़ी मेहनत करना, सुधार करना और अपनी अगली फिल्म के लिए अपना सब कुछ देना। इसी तरह मैं अपनी ऊर्जा का उपयोग करता हूं और अगले की ओर बढ़ने की कोशिश करता हूं, अपनी ऊर्जा को वहां पर टिकाकर करता हूं जहां यह सबसे ज्यादा मायने रखती है।