इन 8 भारतीयो को मिल चूका है नोबेल पुरस्कार

नोबेल पुरस्कार विश्व का सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता है एवं यह पुरस्कार विश्व के सर्वश्रेष्ठ लोगों को मिलता है। इसकी शुरुआत वर्ष 1901 से हुई और इसे एल्फ्रेड नोबेल के नाम पर रखा गया। एल्फ्रेड नोबेल स्वीडन के निवासी थे। उन्होंने डायनामाईट का आविष्कार किया था। नोबेल पुरस्कार भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, साहित्य और शांति के क्षेत्र में उत्कर्ष कार्यों के लिए दिए जाते हैं।

भारत को विश्वगुरु कहा जाता है एवं विश्वभर में भारतीयों ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। कई भारतीयों को उनके उत्कर्ष कार्यों के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। आइए जानते हैं कि अब तक किन भारतीयों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

*रवींद्रनाथ टैगोर :

रवींद्रनाथ टैगोर नोबेल पाने वाले एशिया एवं भारत के पहले व्यक्ति थे। महान कवि और रचयिता गुरु रवींद्रनाथ टैगोर को 1913 में साहित्य के क्षेत्र में उनकी काव्य पुस्तक ‘गीतांजलि’ के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। रवींद्रनाथ टैगोर ने महज आठ वर्ष की उम्र से ही कविताएं लिखनी शुरु कर दी थी। वे एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत और बंग्लादेश, दो देशों के लिए राष्ट्रगान लिखा। ‘गीतांजलि’ और ‘साधना’ उनकी महत्वपूर्ण कृतियां हैं।

*सर चंद्रशेखर वेंकटरमन :

महान वैज्ञानिक सी.वी रमन को भौतिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए,1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ. रमन ने अपने अनुसंधान में इस बात का पता लगाया कि जब प्रकाश किसी पारदर्शी माध्यम से गुजरता है तब उसकी वेवलैंथ (तरंग की लम्बाई) में बदलाव आता है। इसी को रमन इफेक्ट के नाम से जाना गया।

*अमर्त्य सेन

वर्ष 1998 में अमत्र्य सेन को अर्थशास्त्र में उनके योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। उन्होंने अकाल में भोजन की व्यवस्था के लिए अपनी थ्योरी दी। वह पहले भारतीय थे जिन्हें अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला। पिछले चालीस बरसों में तीस से अधिक भाषाओं में उनकी पुस्तकें छप चुकी हैं।

*मदर टेरेसा :

45 सालों तक गरीब, असहाय और मरीजों की सेवा में तल्लीन अल्बीनियाई मूल की भारतीय मदर टेरेसा को 1979 में शांति का नोबेल पुरस्कार मिला। मदर टेरेसा ने भारत में बेसहारा, अनाथ और रोगियों की सेवा करके समाज में सेवा का एक उदाहरण पेश किया जिसके चलते उन्हें विश्व शांति का नोबेल मिला।

*हरगोबिंद खुराना :

आनुवांशिक कोड (डीएनए) की व्याख्या करने वाले भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक डॉ. हरगोबिंद खुराना को चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। खुराना ने मार्शल, निरेनबर्ग और रोबेर्ट होल्ले के साथ मिलकर चिकित्सा के क्षेत्र में काम किया। उन्हें कोलम्बिया विश्वविद्यालय की ओर से 1968 में ही होर्विट्ज पुरस्कार भी प्राप्त हुआ।

*सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर :

1983 में भौतिक शास्त्र के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए डॉ. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर को नोबेल पुरस्कार दिया गया। डॉ. चंद्रशेखर भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक होने के साथ-साथ एक विख्यात खगोल भौतिक शास्त्री थे। उनके सिद्धांत से ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में अनेक रहस्यों का पता चला।

*वेंकटरमन रामाकृष्ण :

चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक वेंकटरमन रामाकृष्ण को 2009 में रसायन शास्त्र के क्षेत्र में नोबेल मिला। रामाकृष्ण को इजराइली महिला वैज्ञानिक अदा योनोथ और अमरीका के थॉमस स्टीज के साथ संयुक्त तौर पर रसायन के नोबेल के लिए सम्मानित किया गया। नोबेल पाने वाले तीनों वैज्ञानिकों ने थ्रीडी तकनीक के जरिए समझाया कि किस तरह रिबोसोम्ज अलग-अलग रसायनों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं।

*कैलाश सत्यार्थी :

कैलाश सत्यार्थी को बाल अधिकारों की रक्षा एवं बाल श्रम के विरुद्ध लड़ाई के लिए वर्ष 2014 में नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने बचपन बचाओ आन्दोलन की स्थापना की और विश्व भर में हजारों बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य किया। उन्हें पाकिस्तान की मलाला युसुफजई के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।