दीवाली विशेष - कुछ यूँ बढ़ाये अपने हाथों की सुन्दरता

नारी की खूबसूरती में जहां चेहरा मुख्य भूमिका अदा करता है, आँखें चार चांद लगाती हैं वहीं नारी के हाथ, बांहें और कोहनियां उसकी खूबसूरती को परवान चढाने में बेहद मददगार साबित होते हैं। हाथ केवल आपकी सुंदरता ही नहीं बल्कि भावनाओं को भी व्यक्त करते हैं | हाथों का महत्व चेहरे की सुंदरता से कहीं अधिक होता है क्योकि सुंदर चेहरे को देख कर केवल देखने का सुख मिलता है लेकिन सुंदर हाथ होने से देखने के सुख के साथ साथ स्पर्श का सुख भी मिलता हैं। आज हम आपको बताने जा रहें है हाथों कि सुन्दरता को कैसे बनाये रखें, तो आइये जानते हैं।

# अंडरआर्म के नीचे बालों का निकलना एक समान्य प्रक्रिया होती है।किंतु इसे समय-समय पर साफ करना काफी जरूरी होता है।इसकी सफाई ना होने से बालों के कारण बदबू आती है।साथ ही में वह हिस्सा काला पड़ने लगता है।इसलिये बदबू को दूर करने के लिये एक अच्छे साबुन या डियो का उपयोग करना चाहिये।

# हाथों की त्वचा को जाड़े के मौसम के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए बाजार में तैयार किया हुआ हैंड लोशन भी मिलता है जिसे आप लगा सकती हैं। यदि आपके हाथों की त्वचा अधिक ड्राई है तो वैसलीन में थोड़ा सा कार्बोलिक एसिड मिलाकर मालिश करने से काफी फायदा मिलता है।

# घर का काम करते समय, विशेष रूप से बर्तनों की सफाई तथा कपडों की धुलाई के समय दस्तानों का प्रयोग करें। हाथों को अधिक समय तक गीला ना रखें। इससे हाथों की त्वचा शुष्क एवं खूरदरी हो जाती है।

# कोहनी की समस्या आम समस्या बनती जा रही है। जिसका कालापन पूरी खूबसूरती को खत्म कर देता है। इससे छुटकारा पाने के लिए आपको समय-समय पर स्क्रब करते रहना चाहिए। इससे यह डेड स्किन को हटाने में काफ़ी प्रभावशाली होता है। इसके अलावा नहाते समय स्क्रबर को गीला करके उसके साथ कोहनी को अच्छी तरह साफ करे। नारियल या सरसों के तेल के साथ नीबू को मिलाकर भी कोहनी पर लगाने से चमड़ी मुलायम रहती है चमड़ी पर मैल नहीं जमती।

# आप तीव्र गर्मी में तपती धूप आपके शरीर को जला सकती है जिससे शरीर में लाल चकते या काले दाग आपकी त्वचा को जला देते है इसके लिये आप अच्छे सनस्क्रीन लोशन का प्रयोग करें।

# यदि आपके हाथों पर घने रोयें हों तो हाथ भद्दे दिखते हैं। हाथों के अवांछित रोयें वैक्सिंग द्वारा साफ किए जा सकते हैं अथवा इन्हें ब्लीच भी कर सकते हैं। महीने में एक बार वैक्सिंग या ब्लीच करना पर्याप्त होता है।