हर लड़की को पता होने चाहिए मेकअप मिथक का असली सच, जानें यहां

हर लड़की की चाह होतो हैं कि सुंदर और आकर्षक दिखा जाए। इसके लिए लड़कियां मेकअप का सहारा लेती हैं। लेकिन अक्सर देखा गया हैं कि लड़कियों में मेकअप से जुड़ी पूरी जानकारी ना हो पाने की वजह से वे इसका अच्छे से इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं। जी हां, सुनी-सुनाई बातों की वजह से मेकअप से जुड़े ऐसे कई मिथक हैं जिनकी सच्चाई हर लड़की को पता होनी चाहिए। आज हम आपको मेकअप से जुड़े कुछ ऐसे ही मिथक और इनकी सच्चाई के बारे में बताने जा रहे हैं।

मॉइस्चराइजर प्राइमर का विकल्प है

मॉइस्चराइजर और प्राइमर दो अलग चीजें हैं। मॉइस्चराइज त्वचा को हाइड्रेट करता है जबकि प्राइमर त्वचा के लिए बेस बनाता है, फाइन लाइंस को भरता है और फाउंडेशन के लिए एक सतह बनाता है। यह मेकअप को लंबे समय तक बनाए रखता है। हमेशा मेकअप के बेस के लिए प्राइमर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

कंसीलर को फाउंडेशन से पहले लगाया जाता है

कई बार फाउंडेशन से पहले कंसीलर लगाने से कंसीलर का असर पूरी तरह से हट जाता है। फाउंडेशन के बाद कंसीलर लगाने से डार्क सर्कल और फाइन लाइंस जैसी खामियों को छिपाने में मदद मिलती है।

महंगे उत्पाद बेहतर हैं

आपने आज तक सुना होगा कि महंगे उत्पाद ही अच्छे है, लेकिन ऐसा नहीं है। सभी ब्रांड में अच्छे और बुरे उत्पाद हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि हर महंगा ब्यूटी प्रोडक्ट अच्छा होगा। कॉस्मेटिक्स को खरीदने से पहले उनकी कीमत की बजाय निर्माण सामग्री पर ध्यान दें।

ऑयली त्वचा के लिए पाउडर अच्छा होता है

लंबे समय तक पाउडर का इस्तेमाल करने से त्वचा की सतह डीहाइड्रेट होने लगती है। इसका अलावा पाउडर का इस्तेमाल करने के बाद चेहरे को गहराई से साफ करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि यह छिद्रों को बड़ा कर सकता है। शाइन को मैटीफाइ करने के लिए पाउडर की बजाय प्राइमर का इस्तेमाल कर सकते हैं।