आपकी असली रंगत क्या है? शरीर का ये हिस्सा बताएगा आपकी वास्तविक स्किन टोन

कई बार आपने लोगों को यह कहते सुना होगा — “पहले मेरा रंग बहुत गोरा था, अब सांवला हो गया हूँ।” यह कोई असामान्य बात नहीं है। हमारी स्किन टोन समय और परिस्थितियों के साथ बदलती रहती है। कभी धूप में ज्यादा समय बिताने से, तो कभी प्रदूषण, हार्मोनल बदलाव या गलत स्किनकेयर रूटीन के कारण हमारी रंगत में अंतर आ जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी वास्तविक स्किन टोन क्या है — यानी वह रंग जो आपके शरीर की असली त्वचा को दर्शाता है? आइए जानते हैं कि शरीर का कौन-सा हिस्सा आपकी रियल स्किन टोन को सबसे सही तरीके से दर्शाता है।

समय के साथ क्यों बदलती है स्किन टोन?


त्वचा का रंग स्थायी नहीं होता। हमारे शरीर में मेलानिन नामक पिगमेंट स्किन का रंग तय करता है, और इसका स्तर कई कारणों से बदल सकता है।

धूप (Sun Exposure): सूर्य की किरणें मेलानिन उत्पादन बढ़ाती हैं, जिससे स्किन टैन हो जाती है।

प्रदूषण (Pollution): धूल, धुआं और गंदगी स्किन को डल और डैमेज कर देते हैं।

डाइट और हॉर्मोनल बदलाव: खाने की आदतें, स्ट्रेस और शरीर में हार्मोनल परिवर्तन भी त्वचा की रंगत को प्रभावित करते हैं।

एजिंग और स्किनकेयर: उम्र बढ़ने और केमिकल वाले प्रोडक्ट्स के अत्यधिक इस्तेमाल से भी रंगत में अंतर आता है।

इसलिए यह बिल्कुल सामान्य है कि समय के साथ आपकी स्किन टोन थोड़ी बदल जाए। लेकिन असली सवाल है — आपकी “रियल” स्किन टोन आखिर है कौन-सी?

शरीर का कौन सा हिस्सा बताता है आपकी असली रंगत

अगर आप अपनी असली स्किन टोन जानना चाहते हैं, तो ऐसे हिस्सों को देखें जो धूप और बाहरी वातावरण के सीधे संपर्क में नहीं आते। क्योंकि चेहरे, हाथों और पैरों पर सूरज की रोशनी और प्रदूषण का असर सबसे ज्यादा होता है।

त्वचा विशेषज्ञों के अनुसार, इनर चेस्ट एरिया (सीने का अंदरूनी हिस्सा) आपकी असली स्किन टोन को दिखाने का सबसे विश्वसनीय भाग होता है।

यह हिस्सा न तो धूप में खुलता है, न ही यहां पिगमेंटेशन या टैनिंग की समस्या होती है।

इसके अलावा आप अंदरूनी बांह (inner arm), जांघों का ऊपरी भाग, या पीठ का मध्य हिस्सा भी देख सकते हैं — क्योंकि ये क्षेत्र आमतौर पर आपकी प्राकृतिक रंगत को सुरक्षित रखते हैं।

क्यों जरूरी है अपनी असली स्किन टोन जानना

अपनी वास्तविक स्किन टोन पहचानने से आपको स्किनकेयर और मेकअप दोनों में सही चुनाव करने में मदद मिलती है।

फाउंडेशन या कंसीलर चुनते समय: असली स्किन टोन जानने से आप सही शेड चुन पाते हैं, जिससे चेहरा नेचुरल लगे।

स्किनकेयर प्रोडक्ट्स: आपकी स्किन टाइप और टोन के हिसाब से सही क्रीम या सनस्क्रीन का चुनाव आसान हो जाता है।

फैशन और स्टाइल: कपड़ों और एक्सेसरीज़ के रंग भी आपकी स्किन टोन के अनुसार चुनने से लुक और ज्यादा निखर जाता है।

हमारी स्किन टोन बदलना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन अपनी रियल टोन जानना उतना ही महत्वपूर्ण है। यह आपको अपने स्किनकेयर, मेकअप और जीवनशैली के चुनावों में आत्मविश्वास देता है। तो अगली बार जब आप सोचें कि “पहले मैं गोरा था, अब नहीं,” तो याद रखें — आपकी असली रंगत वही है जो आपके भीतर है, जिसे सूरज या प्रदूषण बदल नहीं सकते।