फटी एड़ियों के लिए आसान घरेलु उपचार

अगर पैरों की देखभाल अच्छे तरीके से न किया जाए तो पैर फट जाते हैं। नंगे पैर चलने के कारण या फिर खून की कमी से पैर फटते हैं। अगर आप पैरों की सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं तो एड़ियां फट जाती हैं और उनमें दरारे आ जाती हैं। एड़ियों का फटना एक आम परेशानी है। कॉस्मेटिक के इस्तेमाल से एड़ियों का फटना एक दर्दनाक बीमारी बन गयी है। समय पर सही कदम उठाना एड़ियों को और ज़्यादा फटने एवं खून निकलने और तेज़ दर्द जैसी पीड़ाओं से रोक सकता है। इस परेशानी से निपटने के लिए बाजार में अनेक क्रीम और दवाइया मिलती है पर आप आसान घरेलु तरीके अपना सकते है जो सरल और लाभदायक होते है।

* वनस्पति तेल :


फटी एड़ियों को ठीक करने के लिए कई वनस्पति तेल काफी फायदेमंद होते हैं। जैतून का तेल, तिल का तेल, नारियल का तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। बेस्ट रिजल्ट पाने के लिए इनका इस्तेमाल रात को सोने से पहले करें।

* शहद का प्रयोग :


शहद बहुत से रोगो से लड़ने की दवा है। फटी एड़ियो के लिए शहद बहुत अच्छा माना जाता है। आधा कप शहद में पानी मिलाकर करीब 20 मिनट तक उसमे अपनी पैरो की एड़ियो को डुबोकर रखे। 20 मिनट बाद पैरो को निकल ले और साफ तोलिये से पोछ ले। पैरो की ऐड़िया कोमल हो जाएंगी।

* भारतीय लाइलैक :

इसे नीम की पत्तियों के रूप में भी जाना जाता है और इसमें फंगीसाइडल तत्व होते हैं जो कि फटी एड़ियों पर काफी असरदार साबित होते हैं। नीम की पत्तियों और हल्दी का पेस्ट बनाएं और इसे फटी एड़ियों पर लगाएं 1 घंटे तक रखकर गरम पानी से धो दें।

* त्रिफला चूर्ण :

त्रिफला चूर्ण को खाने के तेल में तलकर मलहम जैसा गाढ़ा कर लीजिए। रात में सोते वक्त इस पेस्ट को फटे पैरों पर लगा लीजिए। कुछ दिनों तक इस लेप को लगाने से फटी एड़ियां ठीक हो जाएंगी और पैर कोमल होंगे।

* नींबू :

नींबू उस रूखी त्वचा को कोमल करने में सक्षम है जिसकी वजह से एड़ियां फटती हैं। आप फटी एड़ियों में सीधे ही नींबू का रस लगा सकते हैं या फिर गरम पानी में नींबू का रस मिलाकर उस पानी में 15 मिनट तक पैर डुबोये रखें। इसके बाद पैरों को पुमिस स्टोन और साबुन से साफ़ कर लें।

* देशी घी और नमक :

देशी घी और नमक से भी फटी एड़ियों को ठीक करने में मदद मिलती है। देशी घी में थोड़ा नमक मिलाकर इसका मिश्रण तैयार कर लें। अब इस मिश्रण को फटी एड़ियों पर लगाएं। इस मिश्रण को लगने से जल्दी ही फटी एड़ियां ठीक हो जाती हैं और पैरों की त्वचा भी कोमल बनती है।