हिन्दू धर्म के पुराणों और शास्त्रों में ऐसी कई बातें कही गई हैं, जिनका हमारे जीवन में बड़ा महत्व माना जाता हैं। क्योंकि इनमें कही गई बातें जीवन को बेहतर बनाने के काम आती हैं। इसलिए आज हम आपको गरुड़ पुराण में बताए गए उन लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके साथ कठोर व्यवहार किया जाना चाहिए, अन्यथा इस तरह के लोग आपका काम नहीं करते हैं। तो आइये जानते हैं गरुड़ पुराण में बताए गए उन लोगों के बारे में जिनके साथ कठोर व्यवहार करना ही उचित होता हैं।
* दुर्जन यानी बुरे स्वभाव वालादुर्जन व्यक्ति के साथ यदि आप नम्रता पूर्वक व्यवहार करेंगे तो इसके बदले में वह आपसे ऐसा व्यवहार नही करेगा। उल्टा वह आपके नम्र स्वभाव का फायदा उठाने की कोशिश ही करेगा। इसलिए यदि आपको किसी दुर्जन व्यक्ति से काम निकलवाना हो तो उसके साथ कठोरता से ही बात करनी चाहिए, तभी वह आपके साथ नम्रता पूर्ण व्यवहार करेगा।
* शिल्पकार यानी कारीगर या मजदूरगरुड़ पुराण में शिल्पकार से भी कठोर व्यवहार करने के लिए कहा गया है, जिससे अभिप्राय उन लोगों से है जो अपना काम ठीक तरीके से नहीं करते और आलस्य करते हुए काम को टालते रहते हैं। ऐसे लोगों के साथ यदि नम्रतापूर्ण बात की जाए तो यह ठीक से आपना काम नहीं करेंगे इसलिए यदि इन लोगों से अपना काम निकलवाना है तो इनके साथ कठोर व्यवहार करना बहुत आवश्यक है।
* दास यानी नौकरयदि आप नौकर से नम्रता पूर्ण व्यवहार करेंगे तो वह आपको किसी आज्ञा का पालन नहीं करेगा और आपके साथ मित्र के समान आचरण करने लगेगा। ऐसी स्थिति में वह आपका अपमान भी कर सकता है। इस स्थिति से बचने के लिए आपको अपने नौकर को कठोर अनुशासन में रखना अनिवार्य है। इसलिए यदि आपको दास यानी नौकर से काम करवाना है तो उसके साथ कठोर अनुशासन रखना बहुत आवश्यक है।
* ढोलक व अन्य वाद्य यंत्रढोलक ऐसा वाद्य यंत्र है जिसे यदि आप धीरे-धीरे प्रेम पूर्वक बजाने का प्रयास करेंगे तो उसकी आवाज वैसी नहीं आएगी, जैसी आप चाहते हैं यानी वह ठीक से काम नहीं करेगा। यदि आप चाहते हैं कि ढोलक की आवाज जोर से आए तो आपको उसे अपने दोनों हाथों से जोर-जोर से पीटना होगा तभी ढोलक से वैसी आवाज आएगी, जैसी आप चाहते हैं। इसलिए कहा गया है कि ढोलक के साथ भी कठोर अनुशासन (जोर-जोर से पीटना) रखना चाहिए। अन्य वाद्य यंत्रों के साथ भी ऐसा ही करना चाहिए।
* दुष्ट स्त्रीहिंदू धर्म में स्त्रियों को बहुत ही सम्माननीय माना गया है। उनके साथ दुव्र्यवहार करने के बारे में सोचना भी गलत है, लेकिन यदि किसी स्त्री का स्वभाव दुष्ट है तो उसके साथ नम्रता पूर्ण व्यवहार करना मूर्खता होगी क्योंकि वह अपने स्वभाव के अनुसार आपको दुख ही पहुंचाएगी। इसलिए कहा गया है कि दुष्ट स्त्री के साथ सदैव कठोर अनुशासन व व्यवहार करना चाहिए।