Navratri 2019: मां चंद्रघंटा को समर्पित नवरात्रि का तीसरा दिन, जानें पूजा विधि और स्त्रोत पाठ

आज नवरात्रि का तीसरा दिन हैं जो कि मातारानी के चंद्रघंटा (Chandraghata) स्वरुप को समर्पित होता हैं। इस दिन सभी भक्तगण आस्थापूर्वक चंद्रघंटा स्वरुप की पूजा करते हैं और उनसे जीवन की सभी मनोकामनाओं (Wishes) की पूरी होने का आशीर्वाद चाहते हैं। आपको इसका पूर्ण लाभ मिल सके इसके लिए आज हम मां चंद्रघंटा की पूजा विधि (Worship Method) और स्त्रोत पाठ लेकर आए हैं। इस तरह आस्थापूर्वक मां चंद्रघंटा की पूजा कर उनका आशीर्वाद पाए।

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि|

माता की चौकी (बाजोट) पर माता चंद्रघंटा (Chandraghata) की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें। चौकी पर तांबे, चांदी (Silver) या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें। इसके बाद पूजन का संकल्प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा मां चंद्रघंटा (Chandraghata) सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें। इसमें स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, आवाहन, आसन, पाद्य, अध्र्य, आचमन, सुगंधितद्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल (Fruit), पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्रपुष्पांजलि आदि करें। तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न करें।

मां चंद्रघंटा का स्तोत्र पाठ

आपदुध्दारिणी त्वंहि आद्या शक्तिः शुभपराम्। अणिमादि सिध्दिदात्री चंद्रघटा प्रणमाभ्यम्॥
चन्द्रमुखी इष्ट दात्री इष्टं मन्त्र स्वरूपणीम्। धनदात्री, आनन्ददात्री चन्द्रघंटे प्रणमाभ्यहम्॥
नानारूपधारिणी इच्छानयी ऐश्वर्यदायनीम्। सौभाग्यारोग्यदायिनी चंद्रघंटप्रणमाभ्यहम्॥